सज्जन जिंदल के नेतृत्व वाली जेएसडब्ल्यू स्टील और दक्षिण कोरिया की पोस्को ने भारत में सालाना 60 लाख टन क्षमता वाला एकीकृत इस्पात संयंत्र लगाने की संभावनाएं तलाशने के लिए गैर-बाध्यकारी आशय पत्र (एचओए) पर हस्ताक्षर किए हैं। दोनों कंपनियों ने आज संयुक्त बयान में यह जानकारी दी।
इस आशय पत्र पर मुंबई में हस्ताक्षर किए गए। पोस्को होल्डिंग्स के प्रतिनिधि निदेशक और अध्यक्ष ली जू-ताइ और जेएसडब्ल्यू स्टील के संयुक्त प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्य अधिकारी जयंत आचार्य की मौजूदगी में समझौता किया गया। अक्टूबर 2024 में जेएसडब्ल्यू समूह और पोस्को के बीच बैटरी सामग्री और अक्षय ऊर्जा क्षेत्र में सालाना 50 लाख टन की शुरुआती क्षमता वाले प्रस्तावित इस्पात संयंत्र के लिए सहयोग का ऐलान किए जाने के बाद यह नया घटनाक्रम सामने आया है।
सहमति पत्र में प्रस्तावित 50:50 अनुपात वाले संयुक्त उद्यम के लिए व्यापक रूपरेखा पेश की गई है। जयंत आचार्य ने कहा, ‘यह साझेदारी जेएसडब्ल्यू की निष्पादन क्षमताओं और भारत में उसकी जोरदार मौजूदगी को इस्पात निर्माण में पोस्को के तकनीकी नेतृत्व के साथ जोड़ती है। प्रस्तावित उद्यम आत्मनिर्भर भारत के दृष्टिकोण के अनुरूप है और घरेलू एवं निर्यात दोनों बाजारों की जरूरत पूरी करने के लिए वैश्विक रूप से प्रतिस्पर्धी विनिर्माण केंद्र बनाने में मदद करेगा।’
पोस्को होल्डिंग्स के प्रतिनिधि निदेशक और अध्यक्ष ली जू-ताई ने बयान में कहा कि भारत वैश्विक इस्पात मांग के भविष्य का केंद्रबिंदु है। उन्होंने कहा ‘जेएसडब्ल्यू के साथ हमारा सहयोग आपसी विश्वास और साझा दीर्घकालिक दृष्टिकोण पर आधारित है।’ उन्होंने कहा, ‘यह पहल भारत के औद्योगिक विकास को समर्थन देने और दोनों संगठनों के लिए दीर्घकालिक मूल्य सृजित करने की हमारी प्रतिबद्धता दर्शाती है।’
पोस्को के लिए भारत में अपस्ट्रीम क्षमता स्थापित करना चुनौतियों से भरा सफर रहा है। भारत में इस्पात संयंत्र स्थापित करने का इसका पिछला प्रयास साल 2022 में अदाणी समूह के साथ रहा था। पिछले प्रयासों में ओडिशा में 12 अरब डॉलर के नये संयंत्र की योजना, मिगलानी परिवार द्वारा नियंत्रित श्री उत्तम स्टील ऐंड पावर, सरकार द्वारा संचालित स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड और राष्ट्रीय इस्पात निगम लिमिटेड के साथ सहमति पत्र शामिल हैं।