भारतीय घड़ी बाजार में प्रीमियम श्रेणी के बढ़ते चलन के बीच टाइटन की कंपनी हीलिऑस ने शुक्रवार को देश में इटली की प्रीमियम घड़ी विनिर्माता यू-बोट के साथ साझेदारी का ऐलान किया। कंपनी भारतीय बाजार में इस इटैलियन ब्रांड के 41 मॉडल पेश करेगी, जिनकी कीमत 1.2 लाख रुपये से छह लाख रुपये के बीच होगी। ये घड़ियां दिल्ली, मुंबई, बेंगलूरु, हैदराबाद और कोलकाता जैसे प्रमुख महानगरों में 11 स्टोर पर उपलब्ध होंगी।
टाइटन कंपनी के उपाध्यक्ष और मुख्य बिक्री एवं विपणन अधिकारी (घड़ियां और वियरेबल्स) राहुल शुक्ल ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया, ‘हमारा अनुमान है कि भारत का समूचा घड़ी बाजार करीब 18,000 करोड़ रुपये का है। भारत में शहरीकरण का काफी जोरदार रुझान है। अनुमान है कि मध्य और उच्च मध्य वर्ग की मौजूदा हिस्सेदारी 25 प्रतिशत से बढ़कर साल 2030 तक सभी परिवारों की 50 प्रतिशत हो जाएगी, जो बड़े अवसरों की ओर इशारा करता है। खास तौर पर प्रीमियम और सुलभ लक्जरी श्रेणी में।’
फैशन और सेमी लक्जरी श्रेणी में 45 ब्रांड वाले पोर्टफोलियो के साथ हीलिऑस ने पिछले साल 35 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की थी। उन्होंने कहा ‘हीलिऑस में प्रीमियम श्रेणी 50 प्रतिशत से अधिक की दर से बढ़ रही है। यह फैशन श्रेणी की दर से करीब दोगुनी है जो 26 प्रतिशत की दर से बढ़ रही है। मुझे नहीं लगता कि यह रुझान जल्द बदलेगा। यू-बोट के साथ इस तरह की साझेदारी के के जरिए हम अपनी प्रीमियम और सुलभ लक्जरी श्रेणी को मजबूत कर रहे हैं।’
यू-बोट से जुड़ने के साथ कंपनी की नजर आने वाले वर्षों में 45 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि पर है।
यू-बोट के संस्थापक और मालिक इटालो फोंटाना ने कहा, ‘इस साझेदारी के जरिये हम इस जीवंत बाजार में अपनी घड़ियां पेश करने के लिए उत्साहित हैं। अपने प्राथमिकता वाले बाजारों में हम देख रहे हैं कि भारत कुछ वर्षों में अमेरिका और पश्चिमी एशिया के बाद शीर्ष तीन में आ जाएगा। यह भविष्य के लिए हमारी रणनीति में प्रमुख भागीदार होगा।’
पिछले साल के मुकाबले यू-बोट में इस साल की पहली छमाही के दौरान वैश्विक स्तर पर 47 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है। जहां भारतीय उपभोक्ता अधिक महत्वाकांक्षी और पसंद को तरजीह देने वाले बन रहे हैं, वहीं देश के प्रीमियम और लक्जरी खुदरा क्षेत्र के विकास में मददगार एक अन्य कारक है एशिया के बड़े लक्जरी बाजार – चीन में स्पष्ट मंदी। यह मंदी अब एशिया में परिचालन कर रहे सभी प्रमुख लक्जरी ब्रांडों के मामले में चीन प्लस वन रणनीति को बढ़ावा दे रही है।
फोंटाना ने कहा, ‘चीन हमेशा सब के लिए काफी मुश्किल बाजार रहा है क्योंकि यह बहुत फैला हुआ है। हमने पिछले पांच साल में चीनी बाजार का सामना किया है और यह काफी कम हो रहा है।’