भारत की सबसे बड़ी आईटी सेवा कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) ने कहा कि यूनाइटेड स्टेट्स कोर्ट ऑफ अपील्स फॉर द फिफ्थ सर्किट ने 21 नवंबर को डीएक्ससी टेक्नॉलजी कंपनी (जो अब कंप्यूटर साइंसेज कॉर्पोरेशन कंपनी है) में हर्जाने के संबंध में विपरीत फैसला सुनाया है।
साल 2024 में अमेरिका की जिला अदालत ने व्यापार गोपनीयता के गलत इस्तेमाल के आरोप में टीसीएस पर 19.4 करोड़ डॉलर का जुर्माना लगाया था।
टीसीएस ने 22 नवंबर को नियामकीय सूचना में कहा, ‘हम आपको बताना चाहते हैं कि यूनाइटेड स्टेट्स कोर्ट ऑफ अपील्स फॉर द फिफ्थ सर्किट ने 21 नवंबर, 2025 को ऊपर बताए गए मामले में विपरीत फैसला सुनाया है और हर्जाने पर जिला अदालत के फैसले को सही ठहराया किया है।’
कंपनी ने कहा, ‘हालांकि अदालत ने पहले दी गई रोक को रद्द कर दिया है और डालास डिविजन में टेक्सस के उत्तरी जिले की यूनाइटेड स्टेट्स डिस्ट्रिक्ट कोर्ट को अपीली अदालत के निर्देश के आधार पर रोक के आदेश का फिर से मूल्यांकन करने का निर्देश दिया है।’
14 जून, 2024 की नियामकीय सूचना में टीसीएस ने कहा था कि अदालत ने फैसला सुनाया है कि कंपनी कुल 19.42 करोड़ डॉलर की जिम्मेदार है, जिसमें 5,61,51,583 डॉलर प्रतिपूरक क्षति के तौर पर, 11,23,03,166 डॉलर अनुकरणीय हर्जाने के तौर पर और 2,57,73,576.60 डॉलर का निर्णय से पहले का ब्याज शामिल है।
टीसीएस के खिलाफ यह मामला कंप्यूटर साइंसेज कॉर्पोरेशन ने दायर किया था, जिसका डीएक्ससी टेक्नॉलजी कंपनी के साथ विलय हो गया है। टीसीएस ने नियामकीय सूचना में कहा कि वह सही अदालत के सामने समीक्षा और अपील सहित कई विकल्पों का आकलन कर रही है और उसका अपने पक्ष का जोरदार रूप से बचाव करने का इरादा है।