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नए स्पेक्ट्रम से भारत में छा जाएगी वाइमैक्स तकनीक

Last Updated- December 08, 2022 | 12:02 AM IST

इंटरनेट और अन्य सुविधाएं बेहद आसानी से मुहैया कराने वाली वाइमैक्स तकनीक के लिए भारत जल्द ही सबसे बड़ा बाजार बनने वाला है।


वाइमैक्स फोरम का मानना है कि आने वाले चार वर्षों में वाइमैक्स का 20 फीसद हिस्सा भारत में ही होगा। वाइमैक्स फोरम के चेयरमैन रोनाल्ड रेसनिक के मुताबिक तीसरी पीढ़ी की दूरसंचार सेवाओं के लिए लाइसेंस और स्पेक्ट्रम देने का भारत सरकार का फैसला वाइमैक्स की पहुंच बढ़ाने में खासा कारगर साबित हो रहा है।

इससे कारोबारी संभावनाओं में भी तेज इजाफा होने की उम्मीद उन्होंने जताई। उन्होंने कहा, ‘इसकी वजह से तेज रफ्तार इंटरनेट और दूसरी सुविधाओं की जरूरत पड़ेगी, जो वाइमैक्स से ही संभव हैं। हमारे अध्ययन के मुताबिक 2012 तक देश में लगभग 2.75 करोड़ वाइमैक्स उपभोक्ता होंगे। इनके जरिये देश में लगभग 55,000 करोड़ रुपये का वाइमैक्स और वाइमैक्स उपकरण बाजार होगा।’

वाइमैक्स तकनीक को बढ़ावा देने वाले वाइमैक्स फोरम ने भारत में कारोबारी संभावनाओं को देखते हुए भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) दिल्ली में वाइमैक्स एप्लिकेशन प्रयोगशाला स्थापित करने का फैसला भी किया है। फिलहाल दुनिया में केवल अमेरिका और ताइवान में ऐसी दो प्रयोगशाला हैं, भारत में यह महज तीसरी प्रयोगशाला होगी। यह प्रयोगशाला अगले साल स्थापित की जाएगी।

First Published - October 14, 2008 | 11:36 PM IST

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