केरल भाजपा के प्रमुख एवं पूर्व केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा है कि भारतीय स्टार्टअप कंपनियों के संबंध में वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष का हालिया बयान पूरे स्टार्टअप तंत्र की रूपरेखा को सटीक ढंग से परिलक्षित नहीं करता है। हालांकि, चंद्रशेखर ने यह जरूर कहा कि भारत में नवाचार की अगली लहर में डीप टेक की महत्त्वपूर्ण भूमिका होनी चाहिए।
चंद्रशेखर ने इंडिया ग्लोबल फोरम (आईजीएफ) में कहा,‘यहां विकल्प सीमित रहने जैसी स्थिति नहीं है। भारतीय उद्यमियों ने कई नवाचार किए हैं जो डीप टेक खंड से ताल्लुक नहीं रखते होंगे। मगर इससे इनका महत्त्व कम नहीं हो जाता। मैं इस बात से सहमत हूं कि भारत में स्टार्टअप कंपनियां अधिक सहूलियत भरे काम ज्यादा करती हैं।‘
उन्होंने कहा कि उद्यमशीलता की पहली लहर डायरेक्ट- टू- कस्टमर (डीटूसी) कारोबार या बिजनेस- टू- कस्टमर (बीटूसी) पर सवार थी मगर अगला चरण (अगले पांच वर्षों के दौरान) काफी हचचल भरा रहने वाली है जिसमें डीप टेक का अधिक दबदबा रहेगा। उन्होंने कहा, ‘इसके लिए अलग किस्म के उद्यमियों की जरूरत होगी। जो लोग फूड डिलिवरी ऐप या सामान्य बी2सी ऐप में सफल रहे हैं वे जरूरी नहीं है कि एआई, सेमीकंडक्टर, क्वांटम कंप्यूटिंग एवं अन्य जरूरी खंडों में भी सफल हों।‘चंद्रशेखर ने यह भी कहा कि इन नई तकनीकी स्टार्टअप इकाइयों के लिए अलग किस्म की प्रतिभाओं की जरूरत होगी। उन्होंने कहा कि ये प्रतिभाएं देश में पूर्व में तैयार हुईं प्रतिभाओं से काफी अलग होंगी। पूर्व मंत्री ने कहा कि दूसरे चरण के नवाचार में विज्ञान एवं शोध की तगड़ी भूमिका रहने वाली है।
उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने हाल में संपन्न स्टार्टअप महाकुंभ में स्टार्टअप तंत्र की यह कह कर आलोचना की कि उनका ध्यान एवं उनकी प्राथमिकताएं सटीक नहीं हैं। गोयल ने भारतीय स्टार्टअप इकाइयों की तुलना चीन की कंपनियों से की जो डीप टेक एवं एआई में तेजी से आगे बढ़ रही हैं।
चंद्रशेखर ने यह भी कहा कि उद्यमियों से लिए डीप टेक प्रतिस्पर्द्धा करने का बड़ा मंच होगा और कुछ कंपनियों ने इस खंड में अपना दबदबा बढ़ाने के लिए तैयारियां भी शुरू कर दी हैं। उन्होंने कहा, ‘चीन ने डीप सीक और सेमीकंडक्टर क्षेत्र में हुआवे के कदमों से स्पष्ट कर दिया है कि वे डीप टेक खंड से दूर नहीं रहने वाले हैं। अमेरिका ओपन आई, गूगल और अन्य कंपनियों के साथ इस होड़ में लंबे समय से है। भारत की भी महत्त्वाकाक्षाएं एवं इच्छाएं हैं और हम भी पीछे नहीं रहना चाहते हैं।‘
अगले दो से तीन वर्ष महत्त्वपूर्ण रहने वाले हैं क्योंकि यही अवधि तय करेगी कि वैश्विक तकनीक का भविष्य क्या रहने वाला है।
चंद्रशेखर ने कहा, ‘एक देश या तंत्र के रूप में अगर आप इस होड़ में भाग नहीं लेते हैं तो इसकी पूरी आशंका है कि आप इसमें पीछे रह जाएंगे।‘ उन्होंने यह भी कहा कि उद्यमशीलता के दूसरे चरण में सरकार को भी अपनी भूमिका निभानी होगी। उन्होंने कहा, ‘सरकार को पूंजी एवं बाजार में उपलब्ध अवसरों तक पहुंच देकर इस श्रेणी में कंपनियों की पहली कतार खड़ी करनी होगी। सरकार को उनके विकास में मदद के लिए सक्रिय भूमिका भी निभानी होगी।‘