कॉग्निजेंट का तीसरी तिमाही का मजबूत प्रदर्शन इस बात का संकेत है कि यह अमेरिकी आईटी कंपनी वर्षों की उथल-पुथल के बाद अब मजबूत सुधार की राह पर बढ़ रही है। कंपनी ने तीसरी तिमाही में मजबूत वृद्धि दर्ज की है और उसने राजस्व वृद्धि के अनुमान बढ़ाए हैं। कंपनी अब इन्फोसिस पर अपनी बढ़त लगभग एक अरब डॉलर तक बढ़ाने के लिए तैयार है, जिससे उस रुझान को पलटने में मदद मिलेगी कि पिछले कुछ वर्षों में दोनों के बीच का अंतर तेजी से कम होता दिखा था।
सिर्फ तीन साल पहले इन्फोसिस ने लगभग बराबरी कर ली थी, जिससे राजस्व का अंतर 3 अरब डॉलर से घटकर कुछ सौ मिलियन डॉलर रह गया था। लेकिन कॉग्निजेंट का राजस्व वित्त वर्ष (दिसंबर 2024) के अंत में 19.7 अरब डॉलर रहा, जबकि मार्च 2025 को समाप्त वर्ष के लिए इन्फोसिस का राजस्व 19.28 अरब डॉलर था और अब यह अंतर बढ़ने वाला है।
नैस्डैक में सूचीबद्ध यह कंपनी (जो अपने पहले सीईओ फ्रांसिस्को डिसूजा के नेतृत्त्व में कभी अग्रणी थी) हाल के वर्षों में ब्रायन हम्फ्रीज के नेतृत्व में लड़खड़ा गई और कर्मचारियों की संख्या में बड़ी कमी, नेतृत्व में बदलाव, सौदों में धीमी वृद्धि से जूझती रही। हालांकि, सीईओ रवि कुमार के नेतृत्व में कंपनी का कायाकल्प गति पकड़ता दिख रहा है क्योंकि कंपनी बाजार हिस्सेदारी हासिल कर रही है, बड़े सौदों की रफ्तार बनाए रख रही है और धीरे-धीरे मार्जिन बढ़ा रही है।
कॉग्निजेंट ने वित्त वर्ष 2025 के लिए अपने राजस्व वृद्धि अनुमान को 6-6.3 प्रतिशत तक (स्थिर मुद्रा में) बढ़ा दिया है, जो पहले 4-6 प्रतिशत के दायरे में था। यह वृद्धि एआई-आधारित समाधानों के साथ डिजिटल बुनियादी ढांचे के आधुनिकीकरण पर ग्राहकों के बढ़ते खर्च के कारण संभव हुई है। वृद्धि सभी व्यावसायिक क्षेत्रों और भौगोलिक क्षेत्रों से जुड़ी रही है।
एचएफएस रिसर्च के मुख्य कार्याधिकारी फिल फर्श्ट ने कहा, ‘रवि के नेतृत्त्व में कॉग्निजेंट के लिए यह एक वास्तविक बदलाव की कहानी है। कंपनी भटकाव के दौर से निकलकर एक स्पष्ट विकास पथ पर आगे बढ़ी है, जिससे मार्जिन, नेतृत्त्व का आत्मविश्वास और ग्राहक जुड़ाव में सुधार हुआ है। रवि ने कॉग्निजेंट की कार्यान्वयन लय को फिर से स्थापित किया है, वितरण को स्थिर किया है और उद्देश्य एवं प्रदर्शन के जुड़ी संस्कृति को फिर से ऊर्जावान बनाया है। इसका नतीजा यह हुआ है कि अब कंपनी इन्फोसिस और टीसीएस के साथ आक्रामक रूप से प्रतिस्पर्धा कर रही है, न कि उनकी नकल कर रही है।’
फिर भी, चुनौतियां बनी हुई हैं। विश्लेषकों का कहना है कि कॉग्निजेंट को अपनी वृद्धि को और तेज करना होगा और अपने परिचालन मार्जिन को मौजूदा 15 प्रतिशत से बढ़ाकर 20 प्रतिशत के करीब लाना होगा ताकि वह प्रतिस्पर्धियों से बराबरी कर सके।