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साइबर सुरक्षा के लिए आईबीएम की तैयारी

Last Updated- December 11, 2022 | 8:45 PM IST

बेंगलूरु के पूर्वी हिस्से में एक टाउनशिप में मौजूद आईबीएम का नया सिक्योरिटी कमांड सेंटर कई बहुराष्टï्रीय प्रौद्योगिकी कंपनियों के दफ्तरों से घिरा है। यह इकाई लाखों डॉलर के निवेश वाली आईबीएम की उस परियोजना का केंद्र है जिसके तहत एशिया-प्रशांत (एपीएसी) क्षेत्र में साइबर हमले के बढ़ते खतरे से निपटने के लिए कंपनियों को तैयार रहने में मदद करने की योजना बनाई गई है।
आईबीएम की यह इकाई इस क्षेत्र में अपने प्रकार का पहला केंद्र है। यह काफी हद तक वास्तविक एवं सिमुलेटेड साइबर हमलों के जरिये साइबर सुरक्षा के लिए जवाबी प्रौद्योगिकी के प्रशिक्षण में मदद करता है। इस निवेश में एक एक नया सुरक्षा परिचालन केंद्र (एसओसी) भी शामिल है जो आईबीएम के मौजूदा वैश्विक एसओसी के व्यापक नेटवर्क का हिस्सा है। वे दुनिया भर में अपने ग्राहकों को चौबीसो घंटे सुरक्षा प्रतिक्रिया सेवाएं प्रदान करते हैं।
आईबीएम सिक्योरिटी एशिया पैसिफिक के मुख्य प्रौद्योगिकी अधिकारी क्रिस हॉकिंग्स ने कहा, ‘साइबर सुरक्षा एक वैश्विक चुनौती है जिसे स्थानीय तौर पर महसूस की जाती है और इसके लिए भारत में और दुनिया भर में व्यापक दक्षता तैयार करने की आवश्यकता है।’ उन्होंने कहा, ‘भारत बढ़ती प्रतिभाओं के साथ एक दमदार और उभरता हुआ प्रौद्योगिकी पावरहाउस है। आईबीएम कॉरपोरेशन लगभग हरेक प्रमुख कारोबारी इकाई के साथ यहां मौजूद है और इन नई क्षमताओं के लॉन्च से हमारी मौजूदगी कहीं अधिक मजबूत होगी।’
बेंगलूरु का यह नया आईबीएम सिक्योरिटी कमांड सेंटर काफी हद तक वास्तविक एवं सिमुलेटेड साइबर हमलों के जरिये साइबर सुरक्षा के प्रति जवाबी प्रौद्योगिकी के प्रशिक्षण में मदद करता है। इसमें उद्योग के प्रमुख ऑडियो विजुअल प्रभावों के साथ-साथ लाइव मालवेयर, रैनसमवेयर एवं अन्य रियल-वल्र्ड हैकर टूल्स का उपयोग किया गया है। आईबीएम ने आपातकालीन एवं आपदा प्रतिक्रिया प्रशिक्षण मॉडल के तहत सिमुलेशन को डिजाइन किया है। इसके लिए विभिन्न उद्योगों के दर्जनों विशेषज्ञों से विचार-विमर्श किया गया है जिसमें आपातकालीन चिकित्सा प्रतिभागियों, ड्यूटी पर तैनात सैन्य अधिकारी और घटना पर प्रतिक्रिया देने वाले विशेषज्ञ शामिल हैं। आईबीएम ने कहा है कि बेंगलूरु केंद्र वर्चुअल माध्यम से भी कस्टमाइज्ड अनुभव एवं कार्यशालाएं उपलब्ध करा सकता है।
हॉकिंग्स ने कहा, ‘हम उम्मीद करते हैं कि यह केंद्र देश में साइबर सुरक्षा कौशल बढ़ाने में मदद करेगा।’ उन्होंने कहा, ‘वैश्विक स्तर पर महज 26 फीसदी संगठनों के पास ही घटना के प्रति जवाबी योजना तैयार होती है। आईबीएम ने आईबीएम सिक्योरिटी कमांड सेंटर तैयार किया है जो इस (समग्र मिलाकर साइबर सुरक्षा) केंद्र का ताज है।’
आईबीएम के सुरक्षा सुविधा प्रदाताओं में कंपनी की भारतीय टीम भी शामिल है। वे सर्वोत्तम प्रथाओं और वास्तविक दुनिया के उदाहरण को भी साझा करेंगे जो साइबर सुरक्षा में उनके वर्षों के अनुभव एवं वैश्विक स्तर पर 13,000 से अधिक ग्राहकों की विशेषज्ञता पर आधारित होंगे।
हॉकिंग्स ने कहा, ‘भारत में हमने प्रमुख एफएमसीजी बहुराष्टï्रीय कंपनियों के साथ काम किया है ताकि उन्हें घटना प्रतिक्रिया योजना तैयार करने में मदद की जा सके। इसके अलावा उन्हें समझाया जा सके कि किस प्रकार त्वरित प्रतिक्रिया से जोखिम और लागत को कम किया जा सकता है।’

First Published - March 14, 2022 | 11:43 PM IST

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