टेलीविजन के दर्शकों की संख्या मापने वाली भारतीय प्रसारण दर्शक अनुसंधान परिषद (बार्क) ने समाचार चैनलों की रेटिंग्स पर लगाई गई रोक को बढ़ा दिया है। यह रोक पहली बार अक्टूबर के मध्य में शुरू हुई थी। रेटिंग जारी करने के संबंध में 12 सप्ताह के इस स्थगन का आखिरी दिन शुक्रवार था।
अक्टूबर में सामने आने वाली टेलीविजन रेटिंग अंकों (टीआरपी) की हेरफेर के मद्देनजर बार्क ने इसे स्थगित कर दिया था। मुंबई पुलिस द्वारा की गई जांच में रिपब्लिक टीवी और कुछ अन्य चैनलों के नाम सामने आए थे।
बिजनेस स्टैंडर्ड को इस बात की पुख्ता जानकारी मिली है कि समाचार चैनलों के लिए रेटिंग अगले तीन महीने तक स्थगित रहने के आसार हैं क्योंकि टीआरपी रैकेट की जांच गहरी हो रही है। इससे पहले मुंबई पुलिस ने इस मामले में बार्क इंडिया के पूर्व कर्मचारियों पार्थो दासगुप्ता और रोमिल रामगढिय़ा सहित कुछ लोगों को गिरफ्तार किया था। 8 अक्टूबर को मुंबई पुलिस द्वारा की गई जांच के खुलासे ने बार्क को अपने परिचालन की समीक्षा करने के लिए प्रेरित किया था।
संपर्क करने पर बार्क इंडिया के प्रवक्ता ने कहा कि तकनीकी समिति के पास इसकी समीक्षा की जा रही है। हम उचित समय में अपने हितधारकों को सूचित करेंगे। लेकिन बार्क द्वारा रेटिंग पर लगाया गया यह विराम उसकी माप प्रणाली में बदलाव लाने की शुरुआत के लिए था, क्योंकि विज्ञापनदाताओं, एजेंसियों और प्रसारकों ने आंकड़ों की हेरफेर से निपटने के लिए एक कड़े और मजबूत प्रणाली की मांग की थी। यह संस्था जिस संभावित परिवर्तन पर विचार कर रही थी, उसमें पैनल के घरों की संख्या 44,000 से बढ़ाकर 50,000 करने और आंकड़ों के साथ हेरफेर कम करने के लिए कई बार जांच किया जाना शामिल था।
