सार्वजनिक क्षेत्र की तेल विपणन कंपनी इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन (आईओसी) ने संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) से एलएनजी आयात करने के लिए 14 साल का दीर्घावधि समझौता किया है। गुरुवार को इंडिया एनर्जी वीक के दौरान हुए इस अनुबंध की कीमत 7 से 9 अरब डॉलर के बीच है। इससे आईओसी को 2026 से हर साल यूएई से 12 लाख टन सालाना एलएनजी मिलेगी।
इस दौरान बीपीसीएल ने भी एडनॉक के साथ एलएनजी के लिए सावधि खरीद समझौता किया है। इसके तहत उसे अप्रैल 2025 से 5 साल तक 24 लाख टन एलएनजी मिलेगी। इस समझौते को आपसी सहमति से और 5 साल के लिए बढ़ाया जा सकेगा।
वहीं फ्रांस की ऊर्जा क्षेत्र की दिग्गज कंपनी टोटाल एनर्जीज ने भी गुजरात स्टेट पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (जीपीएससी) को 2026 से 10 साल तक सालाना 4 लाख टन एलएनजी बेचने के लिए समझौता किया है। एक बयान में कहा गया है, ‘टोटाल एनर्जीज और जीएसपीसी ने 2026 से शुरू हो रहे 10 साल के दीर्घावधि बिक्री और खरीद समझौते (एसपीए) पर हस्ताक्षर की घोषणा की है।’ इसकी आपूर्ति प्राथमिक रूप से जीएसपीसी के औद्योगिक ग्राहकों को की जाएगी। साथ ही घरेलू इस्तेमाल के लिए, कारोबारियों और कंप्रेस्ड नैचुरल गैस (सीएनजी) से चलने वाले वाहनों जैसे ऑटोरिक्शा को आपूर्ति के लिए भी इसका इस्तेमाल किया जाएगा।
एक अन्य महत्त्वपूर्ण कदम के तहत सरकार मीठी ज्वार का इस्तेमाल बॉयोएथनॉल उत्पादन में करने की दिशा में भी काम कर रही है। नैशनल शुगर इंस्टीट्यूट (एनएसआई) कानपुर ने इसकी क्षमता की जांच की है और अब वह इस तकनीक को व्यापक रूप देने के लिए औद्योगिक साझेदार की तलाश में है। बीपीसीएल ने उत्पादन व्यवस्था विकसित करने, किसानों के क्षमता निर्माण और मूल्य श्रृंखला के साझेदारों को लाने के लिए एनएसआई के साथ साझेदारी की है। यह जूस आधारित बायोएथनॉल उत्पादन और लागत आकलन के लिए मीठी ज्वार के प्रयोग पर भी ध्यान केंद्रित कर रही है।