देश में वाहनों का बाजार गर्म होते ही टायर कंपनियों की रफ्तार भी तेज हो रही है।
इस क्षेत्र की दिग्गज कंपनी सिएट टायर्स ने भी बाजार में जबर्दस्त गुंजाइश देखकर 2 नए संयंत्र शुरू करने का ऐलान कर दिया है। कंपनी इनमें लगभग 1,000 करोड़ रुपये का निवेश करेगी।सिएट ने इस निवेश के जरिये ढाई साल में संयंत्र खोलने का फैसला किया है। इसके अलावा कंपनी अनुसंधान एवं विकास गतिविधियों को बढ़ावा देने पर भी अच्छी खासी रकम खर्च करेगी।सिएट के मुख्य कार्यकारी पारस के चौधरी ने बताया, ‘हम ढाई साल के भीतर दो नए संयंत्र लगाएंगे।
इनमें एक संयंत्र में रेडियल टायर बनाए जाएंगे और दूसरे में नॉन रेडियल टायरों का निर्माण होगा।’चौधरी ने बताया कि कुल निवेश में से 550 करोड़ रुपये रेडियल संयंत्र में लगाए जाएंगे। नॉन रेडियल संयंत्र के लिए कंपनी ने 350 करोड़ रुपये खर्च करने का फैसला किया है। बाकी निवेश अनुसंधान एवं विकास में किया जाएगा।
कंपनी नॉन रेडियल टायरों के लिए मुंबई के पास अंबरनाथ में संयंत्र लगाएगी। लेकिन रेडियल टायरों के संयंत्र के लिए जगह का फैसला अभी नहीं किया गया है। इसके लिए गुजरात, आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु पर विचार किया जा रहा है। इस बारे में 4 से 6 हफ्तों में फैसला कर दिया जाएगा। नए संयंत्र शुरू होते ही कंपनी के टायर उत्पादन में सालाना डेढ़ करोड़ यूनिट का इजाफा हो जाएगा।
विदेशी सहयोगसिएट ने रेडियल टायरों के निर्माण में आधुनिक प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल के लिए तमाम अंतरराष्ट्रीय टायर कंपनियों के साथ बातचीत भी शुरू कर दी है। इस तालमेल और नाम के बारे में 2-3 महीने में ऐलान किए जाने के आसार हैं।कंपनी ने आज ही अपनी नई ब्रांडिंग नीति का भी खुलासा किया, जिसमें नया लोगो भी शामिल है। सिएट की स्थापना 1958 में हुई थी और उसके बाद से ब्रांड में बदलाव पहली बार किया गया है। इसके साथ ही दौड़ता हुआ गैंडा और जुमला ‘बॉर्न टफ’ लोगो में से हटा दिया गया है।