अप्रैल में वाहनों की खुदरा बिक्री में 3 प्रतिशत की बढ़ोतरी नजर आई। यह अप्रैल 2024 के 22.2 लाख वाहनों की तुलना में बढ़कर 22.8 लाख हो गई। चैत्र नवरात्र, अक्षय तृतीया, बंगाली नव वर्ष, बैसाखी और विशु के कारण मांग बढ़ने से यह उछाल आई। फेडरेशन ऑफ ऑटोमोटिव डीलर्स एसोसिएशन (फाडा) की रिपोर्ट में आज यह जानकारी दी गई।
वाणिज्यिक वाहनों के अलावा सभी श्रेणियों में इजाफा दिखा और दोपहिया, तिपहिया, यात्री वाहन तथा ट्रैक्टर श्रेणी में क्रमशः 2.25 प्रतिशत, 24.5 प्रतिशत, 1.5 प्रतिशत और 7.5 प्रतिशत की वृद्धि हुई। अलबत्ता माल ढुलाई की दरों और बेड़े के इस्तेमाल में स्थिरता रही। फिर भी ओईएम ने कीमत बढ़ोतरी की। इससे अप्रैल में वाणिज्यिक वाहन श्रेणी को सालाना आधार पर 1.05 प्रतिशत की गिरावट का सामना करना पड़ा।
लगातार दूसरे महीने वाहनों की खुदरा बिक्री में गिरावट के बाद ऐसा हुआ। यह मार्च में 0.7 प्रतिशत घट गई। दोपहिया वाहनों की बिक्री में 2 प्रतिशत की गिरावट, तिपहिया वाहनों की बिक्री में 6 प्रतिशत की गिरावट और ट्रैक्टरों की बिक्री में 6 प्रतिशत की कमी की वजह से ऐसा हुआ।
फाडा के अध्यक्ष सीएस विघ्नेश्वर ने कहा, ‘त्योहारों के प्रभाव के अलावा टैरिफ युद्ध पर विराम और शेयर बाजार में फिर से उछाल से निवेशकों की चिंताएं कम होने से भी अप्रैल में बिक्री में सुधार हुआ।’ यात्री वाहन श्रेणी में मारुति सुजूकी ने 39.4 प्रतिशत बाजार हिस्सेदारी के साथ 1,38,021 वाहन बिक्री करते हुए इस तेजी की अगुआई की। दूसरे पायदान के लिए महिंद्रा ऐंड महिंद्रा (14 प्रतिशत), टाटा मोटर्स (13 प्रतिशत) और ह्युंडै मोटर (12.5 प्रतिशत) के बीच प्रतिस्पर्धा तेज हो गई।
अप्रैल महीने के दौरान दोपहिया वाहनों की बिक्री में हुए इस इजाफे का श्रेय रबी की कटाई के बाद ग्रामीण क्षेत्रों की जोरदार पूछताछ को दिया गया, जो फसल की बढ़िया पैदावार, जलाशयों के बेहतर स्तर और मॉनसून के अनुकूल परिदृश्य के कारण आई। शादी-विवाह के सीजन की वजह से भी ग्रामीण मांग को बढ़ावा मिला।