भारत की शुद्द चीनी खपत अगले सत्र 2024-25 (अक्टूबर से सितंबर) में काफी बढ़कर 3 करोड़ टन पहुंच सकती है। बाजार के साझेदारों के अनुसार देश में चीनी की खपत सालाना आधार पर 2.2 फीसदी की दर से बढ़ रही है। शुद्ध चीनी खपत एथनॉल को अलग किए बिना हुई खपत है।
भारत में चीनी की खपत सालाना आधार पर 2.2 फीसदी की दर से बढ़ रही है जबकि विश्व में चीनी की औसत वृद्धि खपत 1फीसदी के करीब है। मौजूदा चीनी सत्र 2023-24 सितंबर महीने में खत्म होगा। इसमें घरेलू चीनी की मांग नए रिकॉर्ड स्तर 2.9 करोड़ टन को छू गई है। देश में चीनी की मांग में जबरदस्त बढ़त की वजह तेज लू चलना और चल रहा आम चुनाव है।
चुनाव के दौरान पेय पदार्थों की मांग कई गुना बढ़ जाती है जबकि लू के कारण शीतल पेय पदार्थों और कन्फेक्शनरीज (चॉकलेट, मिठाई आदि) की मांग बढ़ जाती है। देश में सालाना कुल चीनी खपत का 60 फीसदी हिस्सा कन्फेक्शनरीज में होता है।
केंद्र ने 2023-24 के सत्र में चीनी मिलों के जरिये अक्टूबर से मई के बीच 1.96 करोड़ टन चीनी जारी की थी और यह चीनी विनियमित जारी आदेशों के तहत जारी की गई थी। यह बीते सत्र (2022-23) में जारी चीनी से करीब 9 फीसदी अधिक थी।