अमेरिका और भारत के बीच व्यापार को लेकर तनाव बढ़ रहा है। नोमुरा की एक रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका भारतीय सामानों पर भी वही टैरिफ (आयात शुल्क) लगाने की योजना बना रहा है, जो भारत ने अमेरिकी सामानों पर लगाए हैं। इसे लेकर भारत सरकार एक व्यापार समझौते (bilateral trade deal) पर विचार कर रही है, जिससे आयात शुल्क को खत्म किया जा सकता है।
नोमुरा के मुताबिक, फिलहाल भारत में पूरी तरह बने हुए (assembled) मोबाइल फोन पर 15% और वियरेबल डिवाइसेस, टीवी, एयर कंडीशनर जैसे प्रोडक्ट्स पर 20% आयात शुल्क लगता है। जबकि अमेरिका में इन पर कोई आयात शुल्क नहीं है। हालांकि, भारत में मोबाइल फोन बनाने के लिए इस्तेमाल होने वाले ज्यादातर कंपोनेंट्स पर 0% से 10% के बीच ही शुल्क लगता है, जिससे भारत में उत्पादन की लागत कम बनी रहती है।
नोमुरा की रिपोर्ट बताती है कि भारत से अमेरिका को इलेक्ट्रॉनिक्स एक्सपोर्ट तेजी से बढ़ा है। FY20 में भारत ने 2.5 अरब डॉलर के इलेक्ट्रॉनिक्स अमेरिका भेजे थे, जो FY24 में बढ़कर 11 अरब डॉलर हो गए। इसमें से करीब 50% हिस्सा सिर्फ स्मार्टफोन (मुख्य रूप से Apple) का था। हालांकि, यह अब भी अमेरिका के कुल इलेक्ट्रॉनिक्स आयात का सिर्फ 2% ही है। चीन और मेक्सिको अमेरिका को क्रमशः 35% और 22% इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात करते हैं, जिससे वे भारत की तुलना में बड़े व्यापारिक साझेदार बने हुए हैं।
अगर अमेरिका भारत के सामानों पर भी वही टैरिफ लागू करता है, जो भारत ने अमेरिकी सामानों पर लगाए हैं, तो नोमुरा के अनुसार, भारत पर इसका ज्यादा असर नहीं पड़ेगा क्योंकि यहां पहले से ही आयात शुल्क कम है। रिपोर्ट के मुताबिक, अगर भारत मोबाइल फोन जैसे प्रोडक्ट्स पर आयात शुल्क पूरी तरह से हटा देता है, तब भी अमेरिका में इसका उत्पादन शिफ्ट होने की संभावना नहीं है। इसका कारण यह है कि अमेरिका में उत्पादन लागत बहुत ज्यादा है। भारत में प्रति घंटे की मजदूरी सिर्फ $1.5 है, जबकि मेक्सिको में $2.5 और अमेरिका में $15 है। इसके उलट, अगर अमेरिका चीन और मेक्सिको से आने वाले सामानों पर 20% तक का टैरिफ लगा देता है, तो भारत के स्मार्टफोन एक्सपोर्ट को फायदा मिल सकता है।
नोमुरा के अनुसार, भारत में पहले से ही Samsung और Apple ने अपनी वैश्विक उत्पादन क्षमता का 23% और 15% हिस्सा भारत में ट्रांसफर कर दिया है। इसी तरह, Motorola और Google भी भारत से अपने प्रोडक्ट्स एक्सपोर्ट करना शुरू कर चुके हैं। नोमुरा की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत से FY25 में स्मार्टफोन एक्सपोर्ट बढ़कर 20 अरब डॉलर तक पहुंच सकता है और अगर वैश्विक उत्पादन का 30-35% हिस्सा भारत में शिफ्ट हुआ, तो FY30 तक यह 70 अरब डॉलर तक जा सकता है। इस बदलाव से Dixon (DIXON IN) और SAMIL (MOTHERSO IN) जैसी कंपनियों को सबसे ज्यादा फायदा मिलेगा। Dixon मोबाइल एक्सपोर्ट में Motorola और Google के साथ साझेदारी कर रही है, जबकि SAMIL मोबाइल डिस्प्ले कंपोनेंट्स बनाने में आगे बढ़ रही है।
कुल मिलाकर, नोमुरा की रिपोर्ट के अनुसार, अगर अमेरिका भारत पर समान शुल्क लागू करता है, तो भी भारत को ज्यादा नुकसान नहीं होगा। उल्टा, अगर अमेरिका चीन और मेक्सिको से आने वाले सामानों पर भारी टैरिफ लगाता है, तो भारत के स्मार्टफोन और इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग को बड़ा फायदा हो सकता है। आने वाले सालों में भारत से अमेरिका को स्मार्टफोन एक्सपोर्ट में बड़ी बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है।