facebookmetapixel
Gold-Silver Outlook: सोना और चांदी ने 2025 में तोड़े सारे रिकॉर्ड, 2026 में आ सकती है और उछालYear Ender: 2025 में आईपीओ और SME फंडिंग ने तोड़े रिकॉर्ड, 103 कंपनियों ने जुटाए ₹1.75 लाख करोड़; QIP रहा नरम2025 में डेट म्युचुअल फंड्स की चुनिंदा कैटेगरी की मजबूत कमाई, मीडियम ड्यूरेशन फंड्स रहे सबसे आगेYear Ender 2025: सोने-चांदी में चमक मगर शेयर बाजार ने किया निराश, अब निवेशकों की नजर 2026 पर2025 में भारत आए कम विदेशी पर्यटक, चीन और दक्षिण-पूर्व एशिया वीजा-मुक्त नीतियों से आगे निकलेकहीं 2026 में अल-नीनो बिगाड़ न दे मॉनसून का मिजाज? खेती और आर्थिक वृद्धि पर असर की आशंकानए साल की पूर्व संध्या पर डिलिवरी कंपनियों ने बढ़ाए इंसेंटिव, गिग वर्कर्स की हड़ताल से बढ़ी हलचलबिज़नेस स्टैंडर्ड सीईओ सर्वेक्षण: कॉरपोरेट जगत को नए साल में दमदार वृद्धि की उम्मीद, भू-राजनीतिक जोखिम की चिंताआरबीआई की चेतावनी: वैश्विक बाजारों के झटकों से अल्पकालिक जोखिम, लेकिन भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूतसरकार ने वोडाफोन आइडिया को बड़ी राहत दी, ₹87,695 करोड़ के AGR बकाये पर रोक

फेस्टिवल होम-लोन ऑफर: लंबी अवधि की बचत पर दें ध्यान, टीजर रेट से बचें

ब्याज दरों पर ही न टिकें नजर; प्रोसेसिंग, लीगल और इंश्योरेंस सहित पूरे लोन की लागत की तुलना करें

Last Updated- September 26, 2025 | 6:15 PM IST
Home
प्रतीकात्मक तस्वीर

नवरात्रि को संपत्ति खरीदने के लिए शुभ समय माना जाता है। इसकी शुरुआत के साथ ही बैंकों और हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों (HFCs) ने होम लोन पर विशेष फेस्टिवल ऑफर लॉन्च किए हैं। लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि उधारकर्ताओं को आकर्षक ऑफर देखने के बजाय इन्हें गहराई से परखकर ही फैसला करना चाहिए।

क्या ऑफर हैं

बैंकों और HFCs ने ब्याज दरों में कमी, प्रोसेसिंग शुल्क में छूट या माफी, लंबी रीपेमेंट अवधि और आसान टॉप-अप लोन जैसे ऑफर पेश किए हैं। कुछ ऋणदाता लीगल और वैल्यूएशन चार्ज भी घटा रहे हैं। नए ग्राहकों को मुख्य रूप से टारगेट किया गया है, लेकिन बैलेंस ट्रांसफर के जरिए मौजूदा ग्राहक भी लाभ उठा सकते हैं।

किन बातों को प्राथमिकता दें

  • लंबी अवधि की बचत:ब्याज दर में कमी और प्रोसेसिंग शुल्क की माफी जैसे लाभ चुनें। ब्याज में कटौती एक बार की छूट से ज्यादा मायने रखती है।
  • रीफाइनेंसिंग:मौजूदा उधारकर्ता ब्याज दर में बड़ी गिरावट (करीब 50 बेसिस पॉइंट) पर ही रीफाइनेंस करें। 10-20 बेसिस पॉइंट की कमी फायदेमंद नहीं होती।
  • टीजर ऑफर से बचें:केवल शुरुआती एक-दो साल के लिए कम दर वाले ऑफर भविष्य में महंगे पड़ सकते हैं।
  • कैशबैकगिफ्ट वाउचरफ्री कार्ड:इनका असर न्यूनतम होता है।
  • प्रीपेमेंट/फोरक्लोजर फीस:ऐसे ऑफर से बचें जिनमें ये शुल्क शामिल हों।

Also Read: GST Free Insurance India: बीमा पर GST छूट के बाद कंपनियां ग्राहकों को पूरा लाभ देने को तैयार

अन्य जरूरी पहलू

  • पूरी लागत की तुलना करें:प्रोसेसिंग, लीगल और डॉक्यूमेंटेशन चार्ज मिलकर कुल लागत बढ़ा सकते हैं।
  • लोन-टू-वैल्यू रेशियो (LTV):60-65% LTV पर ब्याज दरें 80% LTV से कम हो सकती हैं।
  • टेन्योर:छोटी अवधि में ब्याज घटता है लेकिन EMI बढ़ती है।
  • बंडल्ड इंश्योरेंस:बैंक इसे अनिवार्य नहीं बना सकते। बेहतर है कि लोन राशि को कवर करने वाला अलग टर्म इंश्योरेंस लिया जाए।

ध्यान रखने वाली बातें

सबसे अच्छे ऑफर उन्हीं को मिलते हैं जिनकी क्रेडिट स्कोर मजबूत हो। ऋणदाता प्रॉपर्टी का प्रकार, लोकेशन, आय की स्थिरता और EMI-टू-इनकम रेशियो जैसे पहलुओं पर भी ध्यान देते हैं। कुछ ऑफर केवल चुनिंदा कंपनियों या सरकारी विभागों के कर्मचारियों के लिए होते हैं और समयसीमा के भीतर डिस्बर्स न होने पर लाभ खत्म हो सकता है।

सावधानियां

  • कई ऑफर्स की तुलना करें और वही चुनें जो आपके बजट व जरूरतों के अनुकूल हो।
  • जरूरत से अधिक कर्ज न लें। अपनी रीपेमेंट क्षमता और डेब्ट-टू-इनकम रेशियो का आकलन करें।
  • केवल भरोसेमंद बैंकों और HFCs से ही लोन लें। फर्जी ऑफर से सतर्क रहें।

First Published - September 26, 2025 | 6:05 PM IST

संबंधित पोस्ट