जीवन और स्वास्थ्य बीमा कंपनियां सोमवार से लागू होने वाले नए वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) की दरों को लागू करने की तैयारी कर रही हैं। उद्योग के जानकारों के अनुसार अभी बीमा कंपनियों की योजना अपने उत्पादों के मूल्य निर्धारण में कोई बदलाव किए बिना जीएसटी में संपूर्ण कटौती का पूरा लाभ ग्राहकों को देने की है। कुछ बीमा कंपनियां अपने सभी उत्पादों की श्रृंखला को नई जीएसटी दरों को पेश करने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। उधर कुछ कंपनियां शुरुआत में अपने सर्वाधिक बिकने वाले उत्पादों को पेश कर सकती हैं और फिर शेष उत्पादों को नए कर ढांचे के अनुरूप पेश कर सकती हैं।
बीमा कंपनियों का अनुमान है कि कई ग्राहकों ने नई जीएसटी दरों के कारण उत्पादों की खरीद को लंबित कर दिया था। लिहाजा बीमा कंपनियां सोमवार से मांग थोड़ी बढ़ने की आस लगाए बैठी हैं। एक बड़ी निजी जीवन बीमा कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) ने बताया, ‘हम अपने ज्यादातर उत्पादों के साथ तैयार होंगे। हालांकि कुछ उत्पादों में अधिक समय लग सकता है। हम उत्पादों के दामों में कोई बदलाव नहीं कर रहे हैं और पॉलिसीधारकों को जीएसटी में छूट का पूरा फायदा देंगे। अभी सिस्टम को नए सिरे से दुरुस्त किया गया है। हम यह तय कर रहे हैं कि हमारी बिक्री में शामिल मुख्य उत्पाद पहले दिन से ही तैयार हों।’
इस महीने की शुरुआत में जीएसटी परिषद ने सभी व्यक्तिगत जीवन बीमा पॉलिसियों को जीएसटी से छूट दे दी थी – इनमें टर्म इंश्योरेंस, यूनिट लिंक्ड इंश्योरेंस प्लांस (यूलिप) और एंडाउमेंट पॉलिसियां – इसके साथ पुन: जारी होने वावे बीमा हैं। इस कदम का ध्येय देश में बीमा को अधिक किफायती और दायरा बढ़ाना है। साधारण शब्दों में सभी व्यक्तिगत स्वास्थ्य बीमा पॉलिसियां – फैमिली फ्लोटर और वरिष्ठ नागरिक प्लान – उन्हें पुन: जारी करने पर छूट दी गई है ताकि बीमा का दायरा बढ़े।
इसकी घोषणा के दौरान बीमा कंपनियों में अनिश्चितता थी कि क्या पूरा लाभ पॉलिसीधारकों को दिया जा सकता है। दरअसल, इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) वापस लेने से बीमाकर्ताओं की संचालन लागत बढ़ने की उम्मीद है और इससे बीमाकर्ताओं के मार्जिन पर प्रतिकूल असर पड़ सकता है। उद्योग के जानकारों के मुताबिक बीमा कंपनियों को लाभप्रदता कायम रखने के लिए अपने उत्पादों के मूल्य को फिर से निर्धारित करने की जरूरत है – इस प्रक्रिया में कुछ समय लग सकता है।
निजी क्षेत्र की अन्य जीवन बीमा कंपनी के मुख्य कार्याधिकारी ने बताया, ‘सभी कुछ समय पर तैयार होगा। हमारे पास करीब दो हफ्ते का समय इन बदलावों को लागू करने के लिए था। लिहाजा हम समुचित ढंग से लागू करने की उम्मीद करते हैं। इसकी शुरुआत 22 सितंबर से है, सभी दरें जीएसटी के अधीन होंगी। हम जीएसटी कटौती का पूरा फायदा पॉलिसीधारकों को दे रहे हैं- अभी कम से कम। हम स्थिति का आकलन करेंगे और उसके अनुसार अगले कदमों का फैसला करेंगे।’ उन्होंने बताया, ‘कुछ ग्राहकों ने अंतरिम अवधि में खरीद के फैसले को लंबित कर दिया था। लिहाजा किसी भी बेलगाम मांग की वास्तविक स्थिति सोमवार से स्पष्ट होगी। हालांकि नए कारोबार में तत्काल बाढ़ जैसी किसी स्थिति की उम्मीद नहीं है।’ बजाज आलियांज जनरल इंश्योरेंस ने बताया, ‘ अब ग्राहकों को केवल शुद्ध प्रीमियम राशि का भुगतान करना होगा। हमने जागरूकता बढ़ाने के लिए सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अभियान शुरू कर दिए हैं।’