facebookmetapixel
अमर सुब्रमण्य बने Apple AI के वाइस प्रेसिडेंट, जॉन जियानएं​ड्रिया की लेंगे जगहमारुति सुजूकी ने देशभर में 2,000 से अधिक ईवी चार्जिंग पॉइंट स्थापित कर इलेक्ट्रिक वाहन नेटवर्क किया मजबूतNLCAT ने व्हाट्सऐप और मेटा के डेटा-शेयरिंग मामले में स्पष्टीकरण याचिका पर सुनवाई पूरी कीरुपया 90 के करीब पहुंचा: RBI की दखल से मामूली सुधार, एशिया में सबसे कमजोर मुद्रा बनासुप्रीम कोर्ट फरवरी में करेगा RIL और उसके साझेदारों के कृष्णा-गोदावरी D6 गैस विवाद पर अंतिम सुनवाईसूरत संयंत्र में सुची सेमीकॉन ने शुरू की QFN और पावर सेमीकंडक्टर चिप पैकेजिंगपुतिन की भारत यात्रा: व्यापार असंतुलन, रक्षा सहयोग और श्रमिक गतिशीलता पर होगी अहम चर्चाविमानन सुरक्षा उल्लंघन: DGCA जांच में एयर इंडिया के अधिकारियों को डी-रोस्टर किया गया‘संचार साथी’ पर सरकार का नया स्पष्टीकरण: ऐप हटाने की आजादी, निगरानी न होने का दावाभारत निश्चित रूप से हमारा सरताज है, युवा डिजिटल आबादी ने बढ़ाया आकर्षण: एसबी शेखर

महाराष्ट्र में बारिश-बाढ़ से फसलों और जान-माल को बड़ा नुकसान, सरकार ने मुआवजा देने का किया ऐलान

राज्य सरकार ने राज्य आपदा राहत कोष से 2,215 करोड़ रुपये की सहायता देने की घोषणा की है और केंद्र से अतिरिक्त धनराशि की मांग की गई है

Last Updated- September 26, 2025 | 7:26 PM IST
maharashtra floods
महाराष्ट्र के सोलापुर जिले में बाढ़ के पानी के बीच लोग गुजरते हुए | फोटो: PTI

महाराष्ट्र के कई इलाकों में भारी बारिश और बाढ़ से जान-माल का भारी नुकसान हुआ है। अतिवृष्टि के कारण राज्य की सोयाबीन और कपास की करीब 25 प्रतिशत फसल बर्बाद हो चुकी है। राज्य सरकार ने जान गंवाने वाले परिवारों, बर्बाद हुई फसलों, पशुओं और घरों के लिए वित्तीय सहायता देने का निर्णय लिया है। राज्य में हुए भारी नुकसान की भरपाई के लिए केंद्र सरकार से भी मदद मांगी गई है।

पिछले एक सप्ताह में 80 लाख एकड़ से अधिक क्षेत्र में खड़ी फसलें नष्ट हो गई हैं। मराठवाड़ा सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्र है, जिसमें छत्रपति संभाजीनगर, नांदेड़, धाराशिव, जालना, लातूर और अन्य जिलों के किसानों की मेहनत पर पानी फिर गया है। पश्चिम महाराष्ट्र के सोलापुर जिले में भी स्थिति चिंताजनक बनी हुई है।

राज्य सरकार ने राज्य आपदा राहत कोष से 2,215 करोड़ रुपये की सहायता देने की घोषणा की है और केंद्र से अतिरिक्त धनराशि की मांग की गई है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात कर राज्य में हाल में हुई भारी बारिश से प्रभावित किसानों की मदद करने का आग्रह किया। उन्होंने प्रधानमंत्री को ज्ञापन सौंपकर बारिश के बाद राज्य की स्थिति से अवगत कराया। प्रधानमंत्री ने राज्य सरकार से प्रस्ताव भेजने का निर्देश दिया, जिस पर सकारात्मक विचार किया जाएगा।

फडणवीस ने कहा कि भाजपा के घोषणापत्र में किसानों की कर्जमाफी का वादा किया गया है और सरकार इसे अधिक प्रभावी बनाने पर ध्यान दे रही है। इस संबंध में एक समिति गठित की गई है, जो कर्जमाफी पर अंतिम निर्णय लेगी।

मराठवाड़ा के किसानों के लिए ₹1,500 करोड़ मंजूर

महाराष्ट्र सरकार ने मराठवाड़ा में मई से अगस्त तक बाढ़ और बारिश से प्रभावित किसानों को मुआवजा देने के लिए 1,500 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं। यह राशि सीधे प्रभावित किसानों के खातों में जमा की जाएगी और भुगतान प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। अधिकारियों को प्रभावित किसानों की सूची तुरंत अपलोड करने के निर्देश दिए गए हैं।

20 सितंबर से अब तक क्षेत्र में भारी बारिश और नदियों के उफान से बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ है। कम से कम नौ लोगों की जान गई और लाखों एकड़ में फसलें बर्बाद हुईं। अगले तीन से चार दिनों तक क्षेत्र में और बारिश होने का अनुमान है, इसलिए राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF) और राज्य आपदा मोचन बल (SDRF) को सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं।

फसल नुकसान का लगभग 80 प्रतिशत सर्वेक्षण पूरा हो चुका है। फिलहाल प्रशासन की प्राथमिकता जान गंवाने वाले लोगों, उनके परिवारों, पशुओं और घरों को हुए नुकसान की भरपाई करने के साथ-साथ प्रभावित किसानों को मुआवजा देना है।

मराठवाड़ा क्षेत्र में छत्रपति संभाजी नगर, जालना, लातूर, परभणी, नांदेड़, हिंगोली, बीड और धाराशिव जिले शामिल हैं। मानसून के दौरान अब तक इस क्षेत्र में बारिश से संबंधित घटनाओं में 86 लोगों की मौत हुई है।

धाराशिव में दो लाख हेक्टेयर से अधिक फसलें प्रभावित

मराठवाड़ा के धाराशिव जिले में हाल की भारी बारिश से आई बाढ़ ने 2.26 लाख हेक्टेयर भूमि पर खड़ी फसलें बर्बाद कर दीं, जिससे लगभग दो लाख किसान प्रभावित हुए हैं। बांध से पानी छोड़ने और अत्यधिक वर्षा के कारण जिले के कई गांवों में बाढ़ आ गई। भूम, परांडा समेत कई तहसीलों में खेत जलमग्न हो गए और बड़े पैमाने पर फसलें बर्बाद हुईं।

अब तक हुए सर्वेक्षण के अनुसार, कुल 1.98 लाख किसानों की 2.26 लाख हेक्टेयर कृषि भूमि प्रभावित हुई। इसके अलावा 1,048 मकानों को भी नुकसान पहुंचा, जो 363 गांवों में दर्ज किया गया।

Also Read: मराठवाड़ा में भारी बारिश और बाढ़ से तबाही, सरकार ने दिवाली से पहले किसानों को आर्थिक मदद का आश्वासन दिया

खेती-किसानी को बड़ा नुकसान

भारी बारिश से सोयाबीन, कपास, प्याज, ज्वार और हल्दी जैसी फसलें चौपट हो गई हैं। नांदेड़, बीड, धाराशिव, यवतमाल, बुलढाणा और हिंगोली जिलों में स्थिति बेहद खराब है। अखिल भारतीय खाद्य तेल व्यापारी महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष शंकर ठक्कर ने कहा कि पहले ही देशभर में तिलहन की फसल पिछड़ चुकी थी, अब महाराष्ट्र में अतिवृष्टि के कारण सोयाबीन और कपास की करीब 25 प्रतिशत फसल बर्बाद हो चुकी है। इसका असर आने वाले दिनों में तेल के दामों पर भी पड़ सकता है।

जान-माल के नुकसान पर मुआवजा

बाढ़ में मारे गए लोगों के परिजनों को 4-4 लाख रुपये दिए जाएंगे। पशुधन के लिए मुआवजा निर्धारित है: प्रति दुधारू पशु 37,500 रुपये, प्रति भारवाही नस्ल की गाय 32,000 रुपये, और छोटे पशुओं के लिए 20,000 रुपये। बकरियों, भेड़ों और सूअरों के लिए प्रति पशु 4,000 रुपये की राहत दी जाएगी। प्रति परिवार तीन बड़े और 30 छोटे पशुओं के लिए मुआवजा मिलेगा।

मुर्गी पालकों के लिए प्रति पक्षी 100 रुपये की सहायता दी जाएगी, अधिकतम सीमा 10,000 रुपये प्रति परिवार। जिन परिवारों के घर नष्ट हुए हैं, उन्हें झोपड़ियों के लिए 8,000 रुपये और पूरी तरह ढह चुके पक्के घरों के लिए 12,000 रुपये तक की सहायता मिलेगी। क्षतिग्रस्त पशु शालाओं के लिए 3,000 रुपये तक की सहायता दी जाएगी।

फसल नुकसान पर मुआवजा

सरकार ने वर्षा आधारित फसलों के लिए 8,500 रुपये प्रति हेक्टेयर, सिंचित फसलों के लिए 17,000 रुपये प्रति हेक्टेयर और बारहमासी फसलों के लिए 22,500 रुपये प्रति हेक्टेयर मुआवजा देने की घोषणा की है।

जहां बाढ़ से कृषि भूमि बह गई है, वहां मरम्मत योग्य भूमि के लिए 18,000 रुपये प्रति हेक्टेयर और पुनर्स्थापित न की जा सकने वाली भूमि के लिए 5,000 से 47,000 रुपये प्रति हेक्टेयर मुआवजा मिलेगा।

मानसून लौटने में देरी

महाराष्ट्र सरकार के सूचना और जनसंपर्क महानिदेशालय के अनुसार, पांच अक्टूबर से पहले राज्य में दक्षिण-पश्चिमी मानसून लौटने की संभावना नहीं है। दक्षिणी विदर्भ और मराठवाड़ा के क्षेत्रों में 26 सितंबर से मध्यम बारिश होने का अनुमान है। गढ़चिरौली, चंद्रपुर, यवतमाल और नांदेड़ जिलों में बारिश की संभावना है। मराठवाड़ा और विदर्भ के अन्य जिलों में हल्की बारिश और बादल छाए रह सकते हैं।

राज्य कृषि विभाग ने किसानों को सलाह दी है कि वे अपने कृषि कार्यों की योजना मौसम पूर्वानुमान के अनुसार बनाएं और कटी हुई फसलों की बारिश और तेज हवाओं से रक्षा के प्रबंध करें। दक्षिणी मराठवाड़ा, कोंकण और पश्चिमी महाराष्ट्र के घाटी क्षेत्रों में स्थित बांधों में जल स्तर बढ़ने से नदियों और जल धाराओं में बाढ़ आ सकती है। स्थानीय लोगों से सतर्क रहने और अधिकारियों द्वारा जारी सुरक्षा निर्देशों का पालन करने को कहा गया है।

First Published - September 26, 2025 | 7:11 PM IST

संबंधित पोस्ट