देश की इलेक्ट्रिक वाहन स्कीम को लेकर अपडेट आई है! 31 मार्च 2024 तक, इस स्कीम के लिए रखे गए कुल 11,500 करोड़ रुपयों में से 90% से भी ज्यादा, यानी 10,253 करोड़ रुपये खर्च कर दिए गए हैं। यह स्कीम 5 साल के लिए चलाई गई थी जिसका मकसद इलेक्ट्रिक गाड़ियों को बढ़ावा देना था। पिछले पांच सालों में इस स्कीम के तहत 15 लाख इलेक्ट्रिक वाहनों को मदद दी गई है।
इलेक्ट्रिक वाहन स्कीम के तहत 31 मार्च से पहले बिक चुके लेकिन अभी तक प्रोत्साहन के लिए आवेदन नहीं कर पाए वाहनों को भी कुछ धनराशि दी जाएगी। सरकारी अधिकारियों के अनुसार, पिछले वित्तीय वर्ष में गाड़ियां बेचने वाली उन कंपनियों को भी प्रोत्साहन राशि दी जाएगी जिन्होंने बाद में स्कीम के लिए आवेदन किया था।
अब तक खर्च किए गए धन के बारे में बात करें तो, इलेक्ट्रिक थ्री-व्हीलर (e3W) श्रेणी में आवंटित सभी 991 करोड़ रुपये खर्च कर दिए गए हैं। बसों के लिए आवंटित धनराशि का 94% और टू-व्हीलरों के लिए आवंटित राशि का 90% उपयोग किया जा चुका है। वहीं, फोर-व्हीलर श्रेणी में सिर्फ 64% धनराशि ही खर्च हो पाई है।
सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहन चार्जर लगाने के लिए आवंटित 839 करोड़ रुपये में से 633 करोड़ रुपये खर्च कर दिए हैं। हालांकि, स्कीम की समय सीमा से पहले सभी धनराशि खर्च नहीं हो पाई थी। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि अक्टूबर 2023 में सरकार ने स्कीम के बजट को 10,000 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 11,500 करोड़ रुपये कर दिया था। यह बदलाव इसलिए किया गया क्योंकि इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर और फोर-व्हीलर श्रेणियों के लिए आवंटित धन खत्म हो चुका था।
अब स्कीम के बारे में थोड़ी जानकारी – इसकी शुरुआत 2015 में हुई थी, तब सरकार ने 900 करोड़ रुपये का बजट रखा था। बाद में 2019 में इस राशि को बढ़ाकर 10,000 करोड़ रुपये कर दिया गया। आज तक इस स्कीम के तहत 15 लाख से ज्यादा वाहनों को सब्सिडी दी जा चुकी है।
सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहन स्कीम (FAME-II) के तहत लक्ष्य भी बढ़ा दिया है। पहले जहां 15 लाख वाहनों को सब्सिडी देने का लक्ष्य था, वहीं अब यह बढ़ाकर 17 लाख वाहन कर दिया गया है। अब तक इस स्कीम के तहत 15 लाख से ज्यादा वाहनों को मदद मिल चुकी है। आपको बता दें कि FAME-II के तहत अभी तक 68 कंपनियों को मूल उपकरण निर्माता (OEM) के रूप में रजिस्टर किया गया है।
इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर और थ्री-व्हीलर की बिक्री को और बढ़ावा देने के लिए, भारी उद्योग मंत्रालय (MHI) ने मार्च में एक नई स्कीम शुरू की थी। इलेक्ट्रिक मोबिलिटी प्रमोशन स्कीम (EMPS), 2024 के नाम से इस स्कीम के लिए 500 करोड़ रुपये का बजट रखा गया है।
बिजनेस स्टैंडर्ड की 10 अप्रैल की रिपोर्ट के अनुसार, एथर एनर्जी, बजाज ऑटो, हीरो मोटोकॉर्प, ओला इलेक्ट्रिक और महिंद्रा सहित कुल 11 ईवी निर्माताओं को इस स्कीम के तहत मंजूरी मिल चुकी है।
सब्सिडी कम होने और नियमों में बदलाव के बावजूद, वित्त वर्ष 24 में इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) की बिक्री में 41% से ज्यादा की बढ़ोतरी दर्ज की गई! पिछले साल के 11 लाख वाहनों के मुकाबले इस साल कुल ईवी पंजीकरण 16 लाख के आंकड़े को पार कर गया है। नतीजा ये हुआ है कि देश में इलेक्ट्रिक वाहनों की कुल पहुंच वित्त वर्ष 23 के 5.3% से बढ़कर वित्त वर्ष 24 में 6.8% हो गई है।
ये बढ़ोतरी तब भी हुई है, जब जून में सरकार ने FAME स्कीम के तहत सब्सिडी कम कर दी थी, खासकर इलेक्ट्रिक टू-व्हीलरों पर मिलने वाली अधिकतम सब्सिडी को घटाकर 66,000 रुपये कर दिया गया, जो पहले का एक तिहाई है।