हाल ही में हवाई यातायात में हुई गड़बड़ियों की जांच कर रही एक संसदीय समिति ने बड़े पैमाने पर इंडिगो द्वारा उड़ान रद्द किए जाने के मामले में जवाबदेही तय करने की कोशिश की। वरिष्ठ विमानन अधिकारी और इंडिगो के मुख्य परिचालन अधिकारी (सीओओ) इसिद्रो पोरक्वेरस बुधवार को समिति के सामने पेश हुए। हालांकि सूत्रों के अनुसार, समिति को विमानन कंपनी और नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) के जवाब ‘टालमटोल वाले और अविश्वसनीय’ लगे।
जनता दल (यूनाइटेड) के नेता संजय झा की अध्यक्षता वाली परिवहन, पर्यटन और संस्कृति संबंधी संसदीय स्थायी समिति किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंची और सूत्रों के मुताबिक देश के हवाईअड्डों पर हजारों यात्रियों के फंसे रहने से फैली अराजकता के लिए जिम्मेदारी तय करने से पहले, नागर विमानन मंत्रालय की चल रही जांच की रिपोर्ट का इंतजार करने का फैसला किया।
सूत्रों ने बताया कि कुछ सांसदों ने सवाल किया कि क्या मंत्रालय संशोधित उड़ान ड्यूटी समय-सीमा (एफडीटीएल) मानदंडों के क्रियान्वयन के बाद ऐसी स्थिति के लिए तैयार नहीं था या क्या यह इंडिगो द्वारा नई दिनचर्या के लिए छूट पाने के लिए अपनाया गया ‘हथकंडा’ था।
बैठक में हुई चर्चाओं से अवगत एक सूत्र ने कहा कि इंडिगो और नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीएओ) के प्रतिनिधियों के जवाब टालमटोल वाले और अविश्वसनीय थे और उन्होंने जिम्मेदारी लेने के बजाय तकनीकी पहलुओं पर सारा दोष डालने की कोशिश की। सूत्रों ने कहा कि समिति ने कोई विचार नहीं लिया और नागर विमानन मंत्रालय द्वारा दिए गए जांच के आदेश की रिपोर्ट आने तक इंतजार करने का फैसला किया। मंत्रालय ने बड़े पैमाने पर इंडिगो के परिचालन बाधाओं के कारणों की समीक्षा के लिए चार सदस्यीय समिति का गठन किया है। इसकी रिपोर्ट 28 दिसंबर को सौंपी जानी है।
इंडिगो के मुख्य परिचालन अधिकारी इसिद्रो पोरक्वेरस के नेतृत्व में अधिकारियों की एक टीम ने विमानन कंपनी का प्रतिनिधित्व किया, जबकि नागर विमानन सचिव समीर कुमार सिन्हा ने मंत्रालय और डीजीसीए की टीम का नेतृत्व किया। एयर इंडिया, एयर इंडिया एक्सप्रेस, अकासा और स्पाइसजेट के प्रतिनिधियों ने भी लगभग चार घंटे तक चली बैठक में भाग लिया।
बैठक में पायलटों का भी प्रतिनिधित्व किया गया और सूत्रों के अनुसार, उनके प्रतिनिधियों ने बताया कि डोमेन विशेषज्ञ होने के बावजूद, डीजीसीए द्वारा एफडीटीएल जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर उनके विचारों पर ध्यान नहीं दिया जाता है।