facebookmetapixel
भारत-अमेरिका व्यापार समझौता जल्द हो सकता है फाइनल, अधिकारी कानूनी दस्तावेज तैयार करने में जुटेसरकारी कर्मचारियों और पेंशनरों को तोहफा! इस राज्य सरकार ने DA-DR बढ़ाने का किया ऐलान, जानें डिटेलऑफिस किराए में जबरदस्त उछाल! जानें, दिल्ली, मुंबई या बेंगलुरु – किस शहर में सबसे तेज बढ़े दाम?HUL vs Nestle vs Colgate – कौन बनेगा FMCG का अगला स्टार? जानें किस शेयर में है 15% तक रिटर्न की ताकत!EPF खाताधारकों को फ्री में मिलता है ₹7 लाख का कवर! जानें इस योजना की सभी खासियतPiyush Pandey Demise: ‘दो बूंद जिंदकी की…’ से लेकर ‘अबकी बार, मोदी सरकार’ तक, पीयूष पांडे के 7 यादगार ऐड कैम्पेनदिवाली के बाद किस ऑटो शेयर में आएगी रफ्तार – Maruti, Tata या Hyundai?Gold Outlook: जनवरी से फिर बढ़ेगा सोना! एक्सपर्ट बोले- दिवाली की गिरावट को बना लें मुनाफे का सौदाGold ETF की नई स्कीम! 31 अक्टूबर तक खुला रहेगा NFO, ₹1000 से निवेश शुरू; किसे लगाना चाहिए पैसाब्लैकस्टोन ने खरीदी फेडरल बैंक की 9.99% हिस्सेदारी, शेयरों में तेजी

चीन द्वारा आयात शुल्क बढ़ाने से भारत को मिल रही सस्ती एलपीजी, अमेरिका से आयात में वृद्धि

अमेरिका से सस्ती एलपीजी के आयात से भारत में रसोई गैस की आपूर्ति मजबूत होगी

Last Updated- May 02, 2025 | 11:24 PM IST
रसोई गैस के फर्जी ग्राहकों की पहचान के लिए ई-केवाईसी वेरिफिकेशन करा रही सरकार, LPG-Aadhaar KYC: Government is conducting e-KYC verification to identify fake customers of LPG

अमेरिकी माल पर आयात शुल्क चीन ने बढाए और उसका फायदा भारत को मिल गया क्योंकि उसे अमेरिका से रसोई गैस (एलपीजी) पहले से कम दाम पर मिल रही है। उद्योग सूत्रों और ढुलाई के आंकड़ों से पता चला है कि भारत को पश्चिम एशिया के मुकाबले अमेरिका से ज्यादा सस्ती एलपीजी मिल रही है, जिस कारण अमेरिका से इसका आयात बढ़ेगा।

रिफाइनिंग उद्योग के शीर्ष सूत्रों ने बिज़नेस स्टैंडर्ड को बताया कि कच्चे तेल का आयात बढ़ाने और अमेरिका से तरल प्राकृतिक गैस (एलएनजी) की आपूर्ति तेज करने के बाद भारत की सरकारी तेल कंपनियां जुलाई में अमेरिका से एलपीजी आयात की गुंजाइश तलाश रही हैं। यह आयात सावधि अनुबंध के तहत होगा, जब वे 2026 के लिए रसोई गैस आयात पक्का करने के लिए बात करेंगी।

पश्चिम एशिया से करार की गई आपूर्ति के बदले अमेरिका से फौरन सस्ती एलपीजी हासिल करने पर भी बातचीत चल रही है। भारत में एलपीजी का बाजार करीब 12 अरब डॉलर का है और यह अमेरिका से 2024 के व्यापार अधिशेष के एक तिहाई के बराबर है। भारत में संयुक्त अरब अमीरात, कतर, कुवैत और सऊदी अरब से ज्यादा एलपीजी आती है।

एक अधिकारी ने कहा कि अमेरिका से आयात शुरू हुआ तो देश भर में रसोई में इस्तेमाल होने वाले इस जरूरी ईंधन की आपूर्ति और भी मजबूत हो जाएगी। भारत ने 2024-25 में 2.08 करोड़ टन एलपीजी का आयात किया था, जो उसकी कुल जरूरत की करीब 66 प्रतिशत थी। इसमें अमेरिका की एलपीजी नहीं के बराबर थी। एक सरकारी तेल रिफाइनिंग कंपनी के आधिकारिक सूत्र ने बताया, ‘बाजार में सस्ती एलपीजी की आवक तेजी से बढ़ रही है।’ अमेरिका से उचित छूट मिलने के बाद वहां के आपूर्तिकर्ता भारत के बड़े एलपीजी बाजार पर कब्जा कर सकते हैं, जैसे यूक्रेन युद्ध और प्रतिबंध के बाद भारत के कुल तेल आयात में 40 प्रतिशत हिस्सेदारी रूस की हो गई थी।

एक अन्य अधिकारी ने बताया कि यह इस पर निर्भर करता है कि चीन के आयात शुल्क कितने लंबे समय तक रहते हैं। अमेरिका से एलपीजी तब मिली, जब चीनी आयात पर ट्रंप प्रशासन ने 145 प्रतिशत शुल्क लगाया और जवाब में चीन ने अमेरिकी आयात पर 125 प्रतिशत शुल्क लगा दिया।

चीनी एलपीजी के आयात की लागत आयातित शुल्क लगने से बढ़ गई थी और उन्हें मजबूरन पश्चिम एशिया का रुख करना पड़ा। जहाजों की आवाजाही के आंकड़ों से पता चलता है कि वर्ष 2024 में चीन के एलपीजी आयात में अमेरिका का हिस्सा आधा यानि 1.8 करोड़ टन था।

 

First Published - May 2, 2025 | 11:24 PM IST

संबंधित पोस्ट