इस साल बिजली की रिकॉर्ड बढ़ी मांग को देखते हुए केंद्रीय बिजली मंत्रालय ने परंपरागत और अक्षय ऊर्जा क्षमता बढ़ाने के लिए राज्य सरकारों से बातचीत की पहल की है। केंद्रीय बिजली मंत्री आरके सिंह ने कहा कि मार्च 2024 तक कोयला से होने वाला बिजली उत्पादन 12 गीगावॉट बढ़ जाएगा।
राज्यों के बिजली मंत्रियों की दिल्ली में आयोजित सालाना बैठक के पहले दिन सिंह ने आज कहा, ‘अगस्त से हर महीने बिजली की मांग 20 प्रतिशत बढ़ी है। हमने सबी राज्यों व इकाइयों से 100 प्रतिशत क्षमता से संयंत्र चलाने को कहा है।
हमने कोयला उत्पादक इलाकों में नए बिजली संयंत्र स्थापित करने के लिए राज्यों के साथ बातचीत की है, जिससे भविष्य की मांग पूरी की जा सके।’ सिंह ने कहा कि ज्यादातर राज्य परंपरागत (कोयला) व अक्षय ऊर्जा उत्पादन क्षमता बढ़ाने को सहमत हो गए हैं।
सिंह ने कहा, ‘यह फैसला किया गया है कि केंद्रीय बिजली प्राधिकरण व राज्य मिलकर संसाधन पर्याप्ततता योजना तैयार करेंगे, जिससे भविष्य की मांग पूरी करने के लिए क्षमता तैयार की जा सके।’
बिजली सचिव पंकज अग्रवाल ने कहा कि 2031-32 तक 70 से 75 गीगावॉट अतिरिक्त कोयला आधारित क्षमता की जरूरत होगी, जिससे कि मौसम के कारण मांग में होने वाले उतार चढ़ाव की भरपाई हो सके।
उन्होंने कहा, ‘अगले साल तक 500 मेगावॉट पनबिजली उत्पादन की उम्मीद है। कोयला आधारित क्षमता भी ढ़ेगी। भंडारण सुविधा के साथ नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता भी बढ़ेगी। कई राज्यों ने अतिरिक्त बिजली उत्पादन के संकेत दिए हैं, जो नई व पुरानी दोनों तरह की इकाइयों से होगा।’