रेटिंग एजेंसी इक्रा के अनुसार, वित्त वर्ष 2025 में भारतीय निर्माण कंपनियों का राजस्व 8-10 फीसदी की दर से बढ़ने का अनुमान है, जो पूर्ववर्ती वर्षों के दौरान दर्ज की गई 12-15 फीसदी की वृद्धि के मुकाबले कमजोरी का संकेत है। एजेंसी ने वित्त वर्ष 2026 में निर्माण कंपनियों की परिचालन आय 10-12 फीसदी की दर से बढ़ने का अनुमान जताया है, जो वित्त वर्ष 2018 और वित्त वर्ष 2024 के बीच करीब 15 फीसदी की दीर्घावधि सालाना वृद्धि दर के मुकाबले अभी भी कम है।
इससे पहले, वित्त वर्ष 2023 और वित्त वर्ष 2024 में निर्माण कंपनियों ने 22 फीसदी और 19 फीसदी की सालाना वृद्धि दर्ज की थी। कमजोर अनुमान वित्त वर्ष 2025 की पहली तिमाही में मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट, मॉनसून की लंबी अवधि और वित्त वर्ष 2025 की दूसरी तिमाही में बिलिंग प्रक्रिया में बदलाव (मार्च 2024 तक मासिक बिलिंग के मुकाबले) पर आधारित है। इन कारकों ने खासकर सड़क कंपनियों के लिए निर्माण गतिविधि को प्रभावित किया।
मंदी का असर इक्रा के नूमने में शामिल 19 निर्माण कंपनियों के लिए वित्त वर्ष 2025 की पहली छमाही में राजस्व में सालाना आधार पर महज करीब 1.5 फीसदी की वृद्धि से भी स्पष्ट तौर पर दिखा है। इन 19 निर्माण कंपनियों का संयुक्त कारोबार वित्त वर्ष 2024 में 1.28 लाख करोड़ रुपये रहा।
क्रेडिट रेटिंग एजेंसी वित्त वर्ष 2025 की दूसरी छमाही में भारतीय निर्माण कंपनियों की क्रियान्वयन क्षमता में सुधार आने की उम्मीद कर रही है। इक्रा के उपाध्यक्ष एवं सह-समूह प्रमुख (कॉरपोरेट रेटिंग्स) सुप्रियो बनर्जी ने कहा, ‘सड़क खंड में ऑर्डर प्रवाह पिछली चार तिमाहियों के दौरान सुस्त बना रहा, हालांकि शहरी परिवहन (महानगर समेत), पेयजल और सीवेज परियोजनाओं जैसे अन्य सेगमेंटों में पूंजी प्रवाह मजबूत बना हुआ है।
विभिन्न उप-खंडों में, कमजोर ऑर्डर बुक की वजह से, इकाइयों ने केंद्र सरकार की सड़क परियोजनाओं पर ध्यान केंद्रित किया है जिससे वित्त वर्ष 2025 में राजस्व पर दबाव देखा जा सकता है और इसका संपूर्ण वृद्धि दर पर भी असर पड़ेगा।’
इक्रा के अनुसार, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग/भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण द्वारा दी जाने वाली सड़क परियोजनाओं में प्रतिस्पर्धी दबाव देखा गया है जिसकी वजह से कई परियोजनाएं प्राधिकरण की आधार कीमत के मुकाबले काफी छूट पर दी जा रही हैं।