छोटे खाद्य कारोबारियों (फेरी वाला) के लिए अच्छी खबर है कि अब उन्हें पंजीयन शुल्क नहीं देना होगा। सरकार ने फेरी वालों के लिए पंजीयन शुल्क को माफ करने का निर्णय लिया है। हालांकि जिन्होंने पहले आवेदन कर दिए हैं, उन्हें शुल्क वापस नहीं किया जाएगा।
खाद्य सुरक्षा व मानक विनियम, 2011 के तहत प्रत्येक छोटे खाद्य व्यवसाय संचालकों यानी खाद्य कारोबारियों को पंजीयन कराना होता है। इसके लिए इन कारोबारियों को सालाना 100 रुपये शुल्क देना होता है। भारतीय खाद्य सुरक्षा व मानक प्राधिकरण (FSSAI)ने एक आदेश जारी कर फेरीवालों के लिए लगने वाले इस शुल्क को माफ करने की घोषणा की है।
इस आदेश में कहा गया है कि फेरीवाला का अर्थ है एक ऐसा व्यक्ति जो पैकेज्ड या ताजे तैयार किए गए खाद्य पदार्थों को एक स्थान से दूसरे स्थान तक यात्रा करके (आमतौर पर पैदल या चलने वाले ठेलों पर) बेचता है।
इस आदेश में यह भी कहा कि शुल्क माफी का यह फैसला 28 सितंबर से लागू होगा। FSSAI ने फेरीवालों का पंजीयन शुल्क माफ करने के साथ ही उन्हें नये पंजीकरण के लिए आवेदन करने पर 5 वर्षों के लिए पंजीयन प्रमाण पत्र प्रदान करने का भी निर्णय लिया है।
FSSAI ने नये पंजीयन के लिए शुल्क माफ करने के साथ ही मौजूदा पंजीयन का नवीनीकरण कराने पर भी फेरीवालों को राहत दी है। अब फेरी वालों को मौजूदा पंजीयन का नवीनीकरण कराने पर भी शुल्क नहीं देना होगा।
हालांकि जो फेरी वाले पंजीयन के लिए आवेदन कर चुके हैं, उन्हें राहत नहीं दी गई है। FSSAI द्वारा जारी आदेश में कहा गया कि जिन फेरी वालों ने 28 सितंबर, 2024 से पहले पंजीयन के लिए आवेदन किए हैं और उनके आवेदन प्रक्रिया में हैं, उनकी शुल्क वापसी पर विचार नहीं किया जाएगा।