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रिन्यूबल एनर्जी और ट्रांसमिशन से मिलेगा बिजली क्षेत्र को धन, Moody’s ने बताई लक्ष्य पूरा करने की रकम

IEA ने रिपोर्ट में कहा है कि इस समय नवीकरणीय (अक्षय) ऊर्जा में ज्यादा निवेश हो रहा है, जो बिजली क्षेत्र में होने वाले कुल निवेश का आधा है।

Last Updated- June 06, 2024 | 10:27 PM IST
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आने वाले वर्षों में भारत के ऊर्जा क्षेत्र में निवेश अक्षय ऊर्जा और बिजली के पारेषण (ट्रांसमिशन) क्षेत्र से संचालित होगा। मूडीज रेटिंग्स ने गुरुवार को जारी एक रिपोर्ट में कहा है कि भारत ने साल 2030 तक अक्षय ऊर्जा से बिजली उत्पादन 500 गीगावॉट तक करने का लक्ष्य रखा है, जिसके लिए अगले 7 साल में 190 से 215 अरब डॉलर निवेश की जरूरत है।

एजेंसी ने कहा, ‘हमारा अनुमान है कि इसके अलावा बढ़ी हुई अक्षय ऊर्जा क्षमता के लिए बिजली के पारेषण और वितरण व ऊर्जा के भंडारण में 150 से 170 अरब डॉलर निवेश की जरूरत होगी। बड़ी संख्या में घोषित की गई परियोजनाएं कतार में हैं और अगले 2 से 3 साल के दौरान रेटेड अक्षय ऊर्जा कंपनियों को अधिक वित्तीय सुविधाएं मिल सकती हैं।’

रिपोर्ट में स्वच्छ ऊर्जा में वृद्धि के पहलुओं पर जोर दिया गया है। वहीं एजेंसी ने यह भी कहा है कि मुख्य मांग की आपूर्ति कोयला क्षेत्र से जारी रहेगी। इसमें कहा गया है, ‘कोयला अगले 8-10 साल तक बिजली उत्पादन के प्रमुख स्रोतों में से एक बना रहेगा, जिससे कोयले पर आधारित बिजली संपत्तियों पर जो​खिम कम है। हम उम्मीद करते हैं कि भारत अगले 5-6 साल में 40 से 50 गीगावॉट के कोयला आधारित संयंत्र लगाएगा, जिससे बिजली की मांग पूरी की जा सके। इस अवधि के दौरान बिजली की मांग 5 से 6 फीसदी सालाना बढ़ने की संभावना है।’

कोयला से चलने वाले बिजली संयंत्रों का इस्तेमाल 65 से 70 फीसदी के उच्च स्तर पर बना रहेगा, भले ही अक्षय ऊर्जा क्षमता में बढ़ोतरी हो रही है।

अक्षय ऊर्जा में वैश्विक निवेश 3 लाख करोड़ डॉलर पहुंचेगा: IEA

अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (आईईए) की एक रिपोर्ट के मुताबिक स्वच्छ ऊर्जा तकनीकों और बुनियादी ढांचे में वैश्विक स्तर पर निवेश 2024 में 3 अरब डॉलर पहुंचने को है। एजेंसी की वर्ल्ड एनर्जी इन्वेस्टमेंट रिपोर्ट में कहा गया है, ‘स्वच्छ ऊर्जा में निवेश 2020 से बढ़ा है। अक्षय ऊर्जा, ग्रिडों और भंडारण पर निवेश अब तेल गैस और कोयले पर होने वाले कुल खर्च से अधिक है।’

आईईए ने रिपोर्ट में कहा है कि इस समय नवीकरणीय (अक्षय) ऊर्जा में ज्यादा निवेश हो रहा है, जो बिजली क्षेत्र में होने वाले कुल निवेश का आधा है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत के स्वच्छ ऊर्जा क्षेत्र में हाल के वर्षों में निवेश बढ़ा है। रिपोर्ट के मुताबिक, ‘2023 में निवेश 68 अरब डॉलर पहुंच गया, जो 2016-20 में हुए निवेश के औसत की तुलना में करीब 40 फीसदी ज्यादा है।’

First Published - June 6, 2024 | 10:27 PM IST

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