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Business Standard Round Table: GCCs की ताकत से तमिलनाडु बनेगा $1 ट्रिलियन इकॉनमी

बिजनेस स्टैंडर्ड राउंड टेबल में "रीइमेजिनिंग तमिलनाडु: पाथ टू नॉलेज इकॉनमी" विषय पर चर्चा के दौरान विशेषज्ञों ने इस पर जोर दिया।

Last Updated- March 12, 2025 | 9:40 PM IST
प्रतिभाओं के लिए आकर्षक विकल्प बने GCC; वेतन ही नहीं, दूसरी चीजों से भी हो रहा स्थानांतरण, GCCs become attractive choice for talent on back of better pay, growth

तमिलनाडु की अर्थव्यवस्था को 2030 तक $1 ट्रिलियन तक पहुंचाने में ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर्स (GCCs) बड़ी भूमिका निभा सकते हैं। ये संगठन एडवांस तकनीक, प्रोडक्ट इनोवेशन और अनुसंधान एवं विकास (R&D) पर फोकस करते हैं, जिसमें राज्य सरकार की नीतियां मदद कर रही हैं।

बिजनेस स्टैंडर्ड राउंड टेबल में “रीइमेजिनिंग तमिलनाडु: पाथ टू नॉलेज इकॉनमी” विषय पर चर्चा के दौरान विशेषज्ञों ने इस पर जोर दिया। यह कार्यक्रम तमिलनाडु सरकार और गाइडेंस तमिलनाडु के सहयोग से आयोजित किया गया था।

उद्योग, शिक्षा और स्टार्टअप्स का तालमेल ज़रूरी

डेलॉइट इंडिया के पार्टनर जयकुमार सुब्रमण्यम ने कहा कि अगर तमिलनाडु अगले पांच सालों में अपनी अर्थव्यवस्था को तीन गुना करना चाहता है, तो उद्योग, शिक्षा संस्थानों और स्टार्टअप्स के बीच बेहतर तालमेल ज़रूरी है। उन्होंने कहा, “नीतियों के साथ-साथ ग्लोबल GCCs का अनुभव भी इस ग्रोथ में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।”

GCCs से तमिलनाडु को क्या फायदा?

नैस्कॉम की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में करीब 1,800 GCCs हैं, जो विभिन्न क्षेत्रों में फैले हुए हैं। इस साल, इन केंद्रों से $112 बिलियन का आईटी (IT) एक्सपोर्ट होने की उम्मीद है।

फोर्ड बिजनेस सॉल्यूशंस की एमडी, गंगाप्रिया चक्रवर्ती ने कहा कि GCCs को सिर्फ एक नया नाम दिया गया BPO (बिजनेस प्रोसेस आउटसोर्सिंग) कहना गलत होगा। उन्होंने बताया, “पहले ये केंद्र केवल बेसिक सर्विसेज देते थे, लेकिन अब हम हेडक्वार्टर्स के साथ मिलकर इनोवेटिव प्रोजेक्ट्स पर काम कर रहे हैं, हाई-एंड डेटा एनालिटिक्स का इस्तेमाल कर रहे हैं, और प्रोडक्ट डेवलपमेंट को लीड कर रहे हैं।”

फोर्ड बिजनेस सॉल्यूशंस के तमिलनाडु में 12,000 कर्मचारी हैं।

चेन्नई, GCCs के लिए उभरता हब

अभी तक, ज़्यादातर GCCs बेंगलुरु और हैदराबाद में स्थित हैं, लेकिन चेन्नई भी अब इन कंपनियों को आकर्षित कर रहा है। कई बड़ी बहुराष्ट्रीय कंपनियों (MNCs) जैसे फोर्ड, एस्ट्राज़ेनेका, रेनो, एडिडास, फाइजर, स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक और वर्ल्ड बैंक के पास चेन्नई में अपने GCC केंद्र हैं।

GCCs से हाई क्वालिटी वाली नौकरियां और निवेश

एस्ट्राज़ेनेका इंडिया के एमडी, शिवा पद्मनाभन ने कहा कि तमिलनाडु में अधिक GCCs स्थापित करने से ज्ञान-आधारित अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा, हाई क्वालिटी वाली नौकरियां मिलेंगी और देशभर से टैलेंट आकर्षित होगा। एस्ट्राज़ेनेका के चेन्नई ऑफिस में 3,500 कर्मचारी काम करते हैं।

उन्होंने कहा, “GCCs का लक्ष्य सिर्फ लैब में इनोवेशन तक सीमित नहीं होना चाहिए, बल्कि डिजिटल R&D में भी निवेश करना चाहिए। हम आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के जरिए डिजिटल अवतार (डिजिटल ट्विन) बना सकते हैं और रिसर्च को नई ऊंचाइयों तक ले जा सकते हैं।”

तमिलनाडु का मजबूत टैलेंट पूल

एक्सपेडिटर्स के ग्लोबल डायरेक्टर केविन जॉर्ज ने बताया कि भारत के कुल STEM (साइंस, टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग, मैथ्स) ग्रेजुएट्स में से 20% तमिलनाडु से आते हैं और देश में GCCs द्वारा की जाने वाली कुल भर्तियों में 25% तमिलनाडु से होती हैं, जो कि सबसे ज्यादा है। उन्होंने यह भी कहा कि तमिलनाडु में सिर्फ चेन्नई ही नहीं, बल्कि कोयंबटूर, त्रिची, सलेम और मदुरै जैसे शहर भी GCCs के लिए उपयुक्त स्थान बन सकते हैं, क्योंकि ये शहर कई इंजीनियरिंग कॉलेजों के नज़दीक हैं।

कुल मिलाकर, GCCs के बढ़ते प्रभाव से तमिलनाडु के पास अपनी अर्थव्यवस्था को तेजी से बढ़ाने और भारत का इनोवेशन हब बनने का सुनहरा अवसर है। उद्योग विशेषज्ञों का मानना है कि तमिलनाडु सरकार की नीतियां, मजबूत इंजीनियरिंग टैलेंट और डिजिटल R&D का बढ़ता चलन इस बदलाव को और तेज़ी से आगे बढ़ा सकता है।

First Published - March 12, 2025 | 9:40 PM IST

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