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Agriculture growth: बेहतर मॉनसून और रबी की फसल से कृषि क्षेत्र चमका, FY25 में 3.8% वृद्धि का अनुमान

खरीफ फसल उत्पादन रिकॉर्ड स्तर पर, रबी की बोआई में तेजी। कृषि क्षेत्र की वृद्धि से खपत और महंगाई में राहत की उम्मीद।

Last Updated- January 07, 2025 | 9:52 PM IST
Farmer

Agriculture growth: अन्य क्षेत्रों में निराशाजनक अनुमानों के बीच कृषि और संबंधित गतिविधियां एक बार फिर उम्मीद बनकर उभरी हैं, जो वित्त वर्ष 2025 में कुछ राहत प्रदान कर सकती हैं। वित्त वर्ष 2025 के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के आज जारी पहले अग्रिम अनुमान (एफएई) के मुताबिक स्थिर मूल्य पर कृषि व संबंधित गतिविधियों का सकल मूल्यवर्धन (जीवीए) 3.8 प्रतिशत रहेगा, जो वित्त वर्ष 2024 में 1.4 प्रतिशत था। मौजूदा भाव पर जीवीए वृद्धि वित्त वर्ष 2025 में और बेहतर, करीब 10 प्रतिशत रहने का अनुमान है, जो वित्त वर्ष 2024 में 5.4 प्रतिशत था। वित्त वर्ष 2025 में कृषि एवं संबंधित गतिविधियों में वृद्धि दर को बेहतरीन मॉनसून और खरीफ की फसल बेहतर रहने और रबी की अच्छी बोआई से बल मिला है।

विशेषज्ञों का कहना है कि कम आधार का भी कुछ असर है, जो वृद्धि के आंकड़े बेहतर दिखा रहा है। वित्त वर्ष 2024 में कृषि क्षेत्र की वृद्धि दर कम रही थी, क्योंकि कम मॉनसूनी बारिश और देश के कई इलाकों में लंबे चले गर्म मौसम का असर था। केयरएज में मुख्य अर्थशास्त्री रजनी सिन्हा ने कहा, ‘कृषि क्षेत्र की बेहतरीन वृद्धि दर से खाद्य महंगाई कम हो सकती है और इससे आने वाले महीनों में खपत बढ़ाने में मदद मिलेगी।’

बहरहाल बैंक ऑफ बड़ौदा में मुख्य अर्थशास्त्री मदन सबनवीस का मानना है कि पहले अग्रिम अनुमान के आंकड़े कृषि सहित अन्य सभी क्षेत्रों में परंपरागत अनुमान जैसे हैं क्योंकि केंद्रीय बजट नजदीक है और सरकार नहीं चाहती कि उसके राजस्व और अन्य अनुमान गलत हो जाएं। सबनवीस ने कहा, ‘2024 में मॉनसून वास्तव में बेहतर रहा है और रबी की बोआई भी अच्छी रही है, जिसे देखते हुए मुझे लगता है कि कृषि के मामले में वित्त वर्ष 2025 के पहले अग्रिम अनुमान बहुत ज्यादा रूढ़िवादी हैं।’उन्होंने कहा कि सामान्यतया ऐसा होता है, जब 6 महीनों के आंकड़े के आधार पर पूरे साल की वृद्धि दर का आकलन किया जाता है।

मॉनसून की स्थिति देखें तो 2024 का सीजन पिछले सितंबर में समाप्त हुआ है और 8 प्रतिशत ज्यादा बारिश हुई है। यह 2020 के बाद पिछले 3 साल का सबसे बेहतर मॉनसून है। कुल मिलाकर देश जून से सितंबर 2024 के बीच 935 मिलीमीटर बारिश का अनुमान लगाया गया था, जो सामान्य 870 मिलीमीटर बारिश की तुलना में 8 प्रतिशत अधिक थी।

बेहतर बारिश के परिणामस्वरूप 2024-25 फसल सत्र (जुलाई से जून) में खरीफ के धान का उत्पादन करीब 12 करोड़ टन रहने का अनुमान है, जो पिछले साल के समान सत्र की तुलना में 5.9 प्रतिशत अधिक था। आंकड़ों से यह भी पता चलता है कि खरीफ की अन्य प्रमुख फसल मक्के का उत्पादन भी बढ़कर 245.4 लाख टन रह सकता है, जो पिछले सत्र से करीब 10.3 प्रतिशत ज्यादा है। बहरहाल दलहन का उत्पादन घटकर 69.5 लाख टन रहने की संभावना है, जो खासकर उड़द का उत्पादन घटने की वजह से है।

कुल मिलाकर पहले अग्रिम अनुमान के आंकड़ों से पता चलता है कि 2024 खरीफ सत्र में अनाज उत्पादन अब तक के सर्वोच्च स्तर 1,647 लाख टन पर रहेगा, जो इसके पहले के खरीफ की तुलना में 5.7 प्रतिशत ज्यादा है। बेहतरीन मॉनसून और मोटे अनाज की बेहतर कीमत के कारण रबी की बोआई में भी तेजी आई है। 3 जनवरी, 2025 तक गेरूं की बोआई 320 लाख हेक्टेयर में हो चुकी थी, जो 2024 की समान अवधि की तुलना में 1.74 प्रतिशत और सामान्य रकबे से 2.4 प्रतिशत अधिक है। अन्य फसलों में सरसों की बोआई का रकबा पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 5 प्रतिशत कम हुआ है। वहीं चने का रकबा पिछले साल से ज्यादा है, लेकिन यह 5 साल के औसत से कम है।

First Published - January 7, 2025 | 9:52 PM IST

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