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सरकार ने इलेक्ट्रॉनिक पुर्जे विनिर्माण योजना (ईसीएमएस) के तहत आज 17 और आवेदनों को मंजूरी दे दी। इनमें कैमरा मॉड्यूल का विनिर्माण करने वाले 3 संयंत्र, मल्टी-लेयर प्रिंटेड सर्किट बोर्ड के 9 संयंत्र, ऑप्टिकल ट्रांसीवर विनिर्माण करने वाली 2 इकाइयां तथा मोबाइल व अन्य इलेक्ट्रॉनिक वस्तुओं में इस्तेमाल होने वाले पुर्जों का निर्माण करने वाली इकाइयों शामिल हैं। इसके साथ ही ईसीएमएस के तहत स्वीकृत परियोजनाओं की कुल संख्या अब 24 हो गई है।
इन संयंत्रों में कुल निवेश 7,172 करोड़ रुपये होने की उम्मीद है और इन परियोजनाओं से कुल 65,111 करोड़ रुपये का उत्पादन होने का अनुमान है। उम्मीद है। ये विनिर्माण इकाइयां गोवा, जम्मू एवं कश्मीर तथा मध्य प्रदेश सहित 9 राज्यों में स्थापित होंगी।
प्रमुख कंपनियों में इलेक्ट्रॉनिक निर्माण क्षेत्र की देसी कंपनियां जैसे एक्वस कंज्यूमर प्रोडक्ट्स, जेबिल सर्किट इंडिया, जेटवर्क की सहायक कंपनियां जेटफैब इंडिया और जेटकेम सप्लाई चेन सर्विसेज, यूनो मिंडा तथा सिरमा एसजीएस की सहायक कंपनी सिरमा मोबिलिटी को मंजूरी मिली है।
केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि सरकार ने ईसीएमएस योजना के तहत सभी भागों को जद में लेने पर ध्यान केंद्रित करने के बजाय, एक सोची-समझी रणनीति के तहत सीमित और विशिष्ट घटकों पर ध्यान केंद्रित रखा।
वैष्णव ने कहा, ‘हमने उन पुर्जों पर ध्यान केंद्रित किया, जो इलेक्ट्रॉनिक विनिर्माण पारिस्थितिकी तंत्र के दीर्घकालिक विकास के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं।’ वैष्णव ने कहा कि आगे चलकर उद्योग को तीन प्रमुख मानकों पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता होगी, जिनमें देसी डिजाइन क्षमताओं का विकास, यहां विनिर्मित सभी उत्पादों में सिक्स-सिग्मा गुणवत्ता स्तर हासिल करना तथा कच्चे माल के लिए स्थानीय आपूर्तिकर्ता स्थापित करना शामिल है।