टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) का शेयर इस समय ₹3,102 पर ट्रेड हो रहा है और कोटक सिक्योरिटीज के श्रीकांत चौहान ने इसे ‘Buy’ रेटिंग देते हुए ₹3,550 का टारगेट प्राइस तय किया है। तकनीकी रूप से, स्टॉक को 2950 और 2850 पर सपोर्ट मिलता है, जबकि 3250 और 3550 इसके मुख्य रेजिस्टेंस हैं। कंपनी तेजी से बढ़ती डेटा सेंटर मांग को ध्यान में रखते हुए बड़े पैमाने पर इस सेक्टर में प्रवेश कर रही है। TCS की योजना है कि वह अपनी मजबूत तकनीकी और सेवा क्षमताओं के बूते ऐसे डेटा सेंटर बनाए जो ग्राहकों को शुरुआत से अंत तक पूरा समाधान दें। यह रणनीति इसे डेटा सेंटर सेगमेंट का एक मजबूत प्लेयर बनाती है।
TCS अब ऐसे डेटा सेंटर बना रही है जो AI यानी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर चलेंगे। आने वाले समय में बड़ी टेक कंपनियों और AI बनाने वाली कंपनियों को बहुत बड़े, तेज और कम बिजली खर्च करने वाले डेटा सेंटर चाहिए होंगे। इसी जरूरत को पूरा करने के लिए TCS अपनी पूरी तकनीक और ताकत का इस्तेमाल कर रही है। इस काम से TCS आने वाले भविष्य की तकनीक के हिसाब से खुद को तैयार कर रही है।
TCS, टाटा समूह के साथ मिलकर अगले 5–7 साल में 1 गीगावॉट की बड़ी डेटा सेंटर क्षमता बनाने की तैयारी कर रही है। इतनी बड़ी क्षमता भारत के डेटा सेंटर उद्योग में बड़ा बदलाव ला सकती है और TCS को इस बाजार का मजबूत लीडर बना सकती है। टाटा समूह की बाकी कंपनियों के साथ मिलकर काम करने से लागत कम होगी, तकनीक बेहतर मिलेगी और काम भी ज्यादा आसानी और तेजी से होगा।
कंपनी फंडिंग के लिए डेट और इक्विटी के संतुलित मिश्रण पर विचार कर रही है ताकि बढ़ने के लिए पर्याप्त पूंजी उपलब्ध हो सके और जोखिम कम रहे। TCS ने यह भी स्पष्ट किया है कि उसकी कैपिटल एलोकेशन नीति में कोई बदलाव नहीं होगा। यह बात निवेशकों को भरोसा देती है कि कंपनी स्थिर है और आगे भी अच्छा प्रदर्शन करने की कोशिश करेगी। TCS ने उद्योग में अच्छे और मजबूत रिटर्न देने का वादा भी दोहराया है।
TCS अपने डेटा सेंटर बिजनेस से तीन तरह से कमाई करेगी। पहला, डेटा सेंटर की जगह (कैपेसिटी) किराए पर देकर; दूसरा, वहां इस्तेमाल होने वाली बिजली सप्लाई करके; और तीसरा, नेटवर्किंग की सुविधा देकर। नेटवर्किंग सेवाओं पर कंपनी ज्यादा फायदा नहीं कमाएगी, क्योंकि यह सिर्फ आगे बढ़ाने (पास-थ्रू) वाली सेवा होगी। असली मुनाफा जगह किराए पर देने और बिजली सप्लाई करने से आएगा। इसके अलावा, अगर कंपनी ज्यादा से ज्यादा नवीकरणीय यानी ग्रीन एनर्जी इस्तेमाल करेगी, तो उसका मुनाफा और बढ़ेगा, क्योंकि इस तरह की बिजली की लागत बहुत कम होती है।
अभी TCS का शेयर अपनी पुरानी औसत कीमत के मुकाबले करीब 10% कम दाम पर मिल रहा है। इसलिए इसे निवेशकों के लिए एक अच्छा मौका माना जा रहा है। कंपनी की मजबूत योजना, टाटा समूह का साथ और तेजी से बढ़ते डेटा सेंटर कारोबार में उसका प्रवेश। इन सबको देखते हुए TCS का भविष्य काफी अच्छा लगता है। अगर आने वाले समय में डेटा सेंटर ही सबसे जरूरी बनते हैं, तो TCS उन “फैक्ट्रियों” को बनाने वाली सबसे बड़ी कंपनियों में से एक बनती जा रही है।
एम्बर एंटरप्राइजेज का शेयर ₹7,443 पर ट्रेड हो रहा है और कोटक सिक्योरिटीज ने इसे ‘Add’ रेटिंग के साथ ₹8,200 का फेयर वैल्यू दिया है। तकनीकी चार्ट पर 7300 और 7150 इसके सपोर्ट स्तर हैं, जबकि 7650 और 8200 प्रमुख रेजिस्टेंस हैं। पिछले एक साल में कंपनी ने अपने इलेक्ट्रॉनिक्स कारोबार को काफी बढ़ाया है। कंपनी का लक्ष्य है कि FY28 तक इस इलेक्ट्रॉनिक्स सेगमेंट से 1 बिलियन डॉलर की कमाई हो, जबकि अभी यह कमाई करीब ₹2200 करोड़ है।
एम्बर ने भारत की बड़ी PCB बनाने वाली कंपनियों में से एक, शोगिनी टेक्नोआर्ट्स प्राइवेट लिमिटेड में अधिकतर हिस्सेदारी खरीद ली है। इससे एम्बर की PCB बनाने की क्षमता और बाजार में उसकी पकड़ दोनों बढ़ेंगी। कंपनी की योजना है कि FY28 तक उसके इलेक्ट्रॉनिक्स कारोबार की 40% कमाई सिर्फ PCB से आए। क्योंकि अभी भारत अपनी 90% PCB जरूरतें बाहर से खरीदता है, इसलिए देश में ही PCB बनाने पर जोर देना एम्बर के लिए बहुत बड़ा मौका है।
कंपनी का कहना है कि FY26 की आखिरी तिमाही से कंज्यूमर ड्यूरेबल यानी घरेलू इलेक्ट्रॉनिक सामानों की बिक्री में तेजी आने लगेगी। भले ही FY26 में पूरे उद्योग की बिक्री ज्यादा न बढ़े, लेकिन एम्बर का लक्ष्य है कि वह RAC (रूम एयर कंडीशनर) उद्योग से 13–15% ज्यादा अच्छा प्रदर्शन करे। कंपनी को यह बढ़त इसलिए मिल सकती है क्योंकि उसके पास प्रोडक्ट्स की ज्यादा अलग-अलग किस्में हैं, वह कंपोनेंट बनाने का कारोबार बढ़ा रही है और कमर्शियल यानी बड़े बिजनेस वाले AC सेगमेंट में उसकी पकड़ लगातार मजबूत हो रही है।
एम्बर अपने मोबिलिटी बिज़नेस में FY27 तक अपनी कमाई को दोगुना करने की तैयारी कर रही है। इसके पीछे कारण है कि कंपनी के पास काफी मजबूत ऑर्डर हैं और इस सेगमेंट में मांग भी बढ़ रही है। सिडवाल का नया ग्रीनफील्ड प्लांट भी तेजी से बन रहा है और FY26 की आखिरी तिमाही तक शुरू हो जाएगा। इसके अलावा, कंपनी अब डिफेंस, टेलीकॉम और ऑटोमोबाइल जैसे नए क्षेत्रों में भी काम बढ़ा रही है। इससे कंपनी का बिज़नेस और ज्यादा विविध का और स्थिर बनता जा रहा है।
FY25 से FY28 के बीच एम्बर की कमाई हर साल करीब 20% बढ़ने की उम्मीद है। कंपनी इलेक्ट्रॉनिक्स सेगमेंट में तेजी से विस्तार कर रही है, नई कंपनियां खरीद रही है और PCB कारोबार से भी उसकी कमाई बढ़ रही है। इन सब वजहों से कंपनी तेजी से आगे बढ़ रही है। कंपनी ने दोबारा कहा है कि FY26 में उसका इलेक्ट्रॉनिक्स कारोबार 46% बढ़ेगा और RAC सेगमेंट में भी वह लगातार बेहतर प्रदर्शन करती रहेगी।