उद्योग

कंपनी संशोधन विधेयक शीतकालीन सत्र में पेश किए जाने की उम्मीद, प्रोफेशनल फर्मों पर बड़ी राहत के संकेत

इस विधेयक में विभिन्न पेशेवरों को फर्म का हिस्सा बनने की अनुमति देकर देसी बहुविषयक प्रैक्टिस फर्म की स्थापना से संबंधित प्रावधानों को भी आसान बनाने की उम्मीद है

Published by
रुचिका चित्रवंशी   
Last Updated- November 17, 2025 | 9:49 PM IST

कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय ने कंपनी संशोधन विधेयक के लिए कैबिनेट नोट को अंतिम रूप दे दिया है। इसे संसद के शीतकालीन सत्र में पेश किए जाने की उम्मीद है। आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी है।

सूत्रों ने बताया कि संशोधन विधेयक का मकसद कारोबारी सुगमता, अपराध को कम करना और स्पष्टीकरण लाना है। इस विधेयक में विभिन्न पेशेवरों को फर्म का हिस्सा बनने की अनुमति देकर देसी बहुविषयक प्रैक्टिस फर्म की स्थापना से संबंधित प्रावधानों को भी आसान बनाने की उम्मीद है।

कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय की सचिव दीप्ति गौड़ मुखर्जी की अध्यक्षता में बिग फोर के भारतीय संस्करण तैयार करने पर समिति छोटी लेखा और लेखा परीक्षा फर्मों के विस्तार में मदद करने के लिए आगे ही रणनीति पर चर्चा कर रही है। सरकार ने अवधारणा नोट में कहा था कि फर्मों पर अन्य पेशेवरों के साथ साझेदारी पर रोक ने उन्हें नुकसान में डाल दिया है।

भारत के नियमों में चार्टर्ड अकाउंटेंट (सीए), कंपनी सचिव (सीएस), वकील और मुनीम जैसे पेशेवरों को एक ही फर्म संरचना के तहत एक साथ काम करने की अनुमति नहीं है। इससे सहयोग और अंतरराष्ट्रीय फर्मों द्वारा दी जाने वाली एकीकृत सेवाएं प्रदान करने की क्षमता सीमित हो जाती है।

सूत्रों ने बताया कि मंत्रालय राष्ट्रीय वित्तीय रिपोर्टिंग प्राधिकरण (एनएफआरए) को अपने कुछ कार्यों को अपने कार्यकारी बोर्ड के बाहर सौंपने के वास्ते और अधिक अधिकार देने पर भी विचार कर रहा है ताकि इसके जांच और अनुशासनात्मक कार्यों को बांटा जा सके।

इस साल की शुरुआत में दिल्ली उच्च न्यायालय ने एक आदेश में कहा था कि कार्यों के विभाजन की कमी एनएफआरए पर पक्षपात के आरोपों, पहले से तय राय को चुनौती देने की प्रवृत्ति और समीक्षा और पुनर्मूल्यांकन के उद्देश्य से तर्कों की अवहेलना के आरोपों को उजागर करता है।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस साल 1 फरवरी को अपने बजट भाषण में कहा था कि सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए दृढ़ संकल्पित है कि नियम तकनीकी नवाचारों और वैश्विक नीति विकास के साथ बने रहें।

उत्पादकता और रोजगार को बढ़ावा देने वाले सिद्धांतों और विश्वास पर आधारित एक हल्के-फुल्के नियामक ढांचे का जिक्र करते हुए सीतारमण ने कहा था, ‘इस ढांचे के जरिये हम पुराने कानूनों के तहत बनाए गए नियमों को अद्यतन करेंगे।’ कंपनी कानून समीक्षा समिति ने दो साल पहले कंपनी अधिनियम में बदलावों के लिए अपनी सिफारिशों को अंतिम रूप दिया था। सूत्रों ने बताया कि इसके बाद, विधेयक में और बदलाव किए गए हैं। इन बदलावों को कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय द्वारा अंतिम रूप दिए गए कैबिनेट नोट में भी शामिल किया गया है।

First Published : November 17, 2025 | 9:49 PM IST