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एशिया-पैसिफिक में 19,560 नए विमानों की मांग, इसमें भारत-चीन की बड़ी भूमिका: एयरबस

बैंकॉक में एसोसिएशन ऑफ एशिया-पैसिफिक एयरलाइंस के सालाना मीटिंग में एयरबस ने कहा कि इलाके को करीब 3,500 वाइड-बॉडी प्लेन चाहिए

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रिमझिम सिंह   
Last Updated- November 15, 2025 | 7:28 PM IST

एयरबस ने शनिवार को कहा कि अगले बीस सालों में एशिया-पैसिफिक इलाके को 19,560 नए हवाई जहाज चाहिए होंगे। इसमें नैरो-बॉडी और वाइड-बॉडी दोनों तरह के प्लेन शामिल हैं। ये कुल ग्लोबल डिमांड का 46 फीसदी है, क्योंकि दुनिया भर में 42,520 नए प्लेन की जरूरत पड़ेगी। भारत और चीन इस बढ़ोतरी में सबसे बड़ा रोल निभाएंगे।

एयरबस के एशिया पैसिफिक प्रेजिडेंट आनंद स्टैनली ने बताया कि हर साल ज्यादा लोग उड़ान भर रहे हैं। इस इलाके में पैसेंजर ट्रैफिक हर साल 4.4 फीसदी की रफ्तार से बढ़ेगा। ये ग्लोबल एवरेज 3.6 फीसदी से काफी ज्यादा है। भारत पहले से ही दुनिया के सबसे तेज बढ़ते एविएशन मार्केट में से एक है। यहां एयरलाइंस अपनी फ्लीट बढ़ाने के लिए बड़े-बड़े ऑर्डर दे रही हैं।

वाइड-बॉडी और सिंगल-आइजल प्लेन की मांग

बैंकॉक में एसोसिएशन ऑफ एशिया-पैसिफिक एयरलाइंस के सालाना मीटिंग में एयरबस ने कहा कि इलाके को करीब 3,500 वाइड-बॉडी प्लेन चाहिए। ये ग्लोबल वाइड-बॉडी डिमांड का 43 फीसदी है। वहीं, सिंगल-आइजल प्लेन की डिमांड 16,100 तक पहुंचेगी। ये फ्यूचर ग्लोबल डिलीवरी का 47 फीसदी बनेगा। स्टैनली ने कहा कि इलाका ग्रोथ के रोमांचक फेज में घुस रहा है। पैसेंजर नंबर बढ़ रहे हैं, लो-कॉस्ट कैरियर्स फैल रहे हैं, नई रूट्स खुल रही हैं और इंफ्रास्ट्रक्चर बेहतर हो रहा है।

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भारत एयरपोर्ट इंफ्रास्ट्रक्चर पर जोर दे रहा है। 8 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नवी मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट के फेज 1 का उद्घाटन किया। ये 19,650 करोड़ रुपये में बना है। देश का पहला फुल डिजिटल एयरपोर्ट होगा। यहां ऑनलाइन बैगेज ड्रॉप, डिजिटल इमिग्रेशन और प्री-बुक्ड पार्किंग जैसी सुविधाएं मिलेंगी।

पीपीपी मॉडल पर बना ये एयरपोर्ट मुंबई का दूसरा इंटरनेशनल हब बनेगा। मौजूदा छत्रपति शिवाजी महाराज इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर भीड़ कम करेगा। 1,160 हेक्टेयर में फैला ये एयरपोर्ट पूरा होने पर हर साल 90 मिलियन पैसेंजर्स हैंडल करेगा। ऑटोमेटेड पीपल मूवर सिस्टम से टर्मिनल और सिटी सुविधाओं के बीच आसानी से आना-जाना होगा। भारत का पहला बड़ा एविएशन हब होगा जो एक्सप्रेसवे, मेट्रो, सबअर्बन रेल और वॉटर ट्रांसपोर्ट से जुड़ेगा।

नोएडा इंटरनेशनल के काम में भी तेजी

नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट में भी अच्छी प्रोग्रेस है। पिछले महीने जेवर में एयरपोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने कैलिब्रेशन फ्लाइट की। ये टेस्ट नेविगेशन और कम्युनिकेशन सिस्टम चेक करता है, ताकि कमर्शियल ऑपरेशंस शुरू हो सकें।

ये एयरपोर्ट रोड, रेलवे और बस रूट्स से अच्छी कनेक्टिविटी देगा। दिल्ली-एनसीआर को आगरा, मेरठ, मथुरा, अलीगढ़ और हरियाणा से जोड़ेगा। यमुना एक्सप्रेसवे से डायरेक्ट एक्सेस मिलेगा। दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे से लिंक बेहतर होंगे।

एयरलाइंस नवी मुंबई एयरपोर्ट से उड़ानें शुरू करने को तैयार हैं। इंडिगो 25 दिसंबर से ऑपरेशंस शुरू करेगा। 10 घरेलू शहरों के लिए फ्लाइट्स होंगी। धीरे-धीरे मुंबई रीजन से रूट्स बढ़ाएगा।

फेज 1 में एक रनवे और एक टर्मिनल है, जो हर साल 20 मिलियन पैसेंजर्स हैंडल कर सकता है। इंडिगो की शुरुआती नेटवर्क में दिल्ली, बेंगलुरु, हैदराबाद, अहमदाबाद, लखनऊ, नॉर्थ गोवा (मोपाह), जयपुर, नागपुर, कोचिन और मैंगलोर शामिल हैं।

अकासा एयर भी 25 दिसंबर से सर्विस शुरू करेगा। पहली फ्लाइट दिल्ली और नवी मुंबई के बीच होगी। फिर कोचि, गोवा और अहमदाबाद। समय के साथ हर हफ्ते 300 घरेलू और 50 इंटरनेशनल डिपार्चर तक पहुंचाएगा।

First Published : November 15, 2025 | 7:28 PM IST