प्रतीकात्मक तस्वीर | फाइल फोटो
फंड मैनेजर के बीच पिटे हुए सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) शेयरों में संभावनाओं को लेकर बंटे हुए हैं। उनका यह मतभेद इक्विटी म्युचुअल फंड सेक्टर में निवेश में व्यापक अंतर से जाहिर होता है।
नुवामा ऑल्टरनेटिव ऐंड क्वांटिटेटिव रिसर्च के एक विश्लेषण से पता चलता है कि अक्टूबर 2025 तक छह बड़े फंड निफ्टी 200 इंडेक्स में इसके भार की तुलना में आईटी पर ओवरवेट थे। पांच अंडरवेट थे। सबसे अधिक निवेश यूटीआई फंड का 17.8 फीसदी था, जबकि 5 फीसदी के साथ एसबीआई एमएफ का सबसे कम था। सितंबर 2024 के बाद जैसे ही व्यापक इक्विटी बाजार में नरमी आई, आईटी शेयरों में सबसे अधिक गिरावट देखी गई। 31 अक्टूबर तक निफ्टी आईटी सूचकांक पिछले साल भर में सबसे कमजोर प्रमुख सेक्टर सूचकांक था जिसमें 10 फीसदी की गिरावट आई।
आर्टिफिशल इंटेलिजेंस (एआई) से होने वाले व्यवधानों से कमाई में सुस्ती और चिंता ने बिकवाली को काफी हद तक बढ़ावा दिया है। फिर भी आकर्षक मूल्यांकनों के बल पर आने वाली तिमाहियों में कमाई में तेजी की उम्मीदें बढ़ने से कमजोरी ह की धारणा दूर होने लगी है।
कोटक इंस्टिट्यूशनल इक्विटीज़ ने एक रिपोर्ट में कहा, आईटी कंपनियों के दूसरी तिमाही के नतीजे बताते हैं कि मांग के रुझान स्थिर हो रहे हैं, कार्यक्रम रद्द होने की संख्या कम हो रही है और चुनिंदा क्षेत्रों में मुश्किलें कम हो रही हैं। सौदों की गति स्थिर बनी हुई है, जो लागत के ज्यादा अनुकूल है। साथ ही उसने यह भी कहा कि उसे उम्मीद है कि 2026-27 में राजस्व वृद्धि रफ्तार पकड़ेगी।
नुवामा इंस्टिट्यूशनल इक्विटीज को भी सुधार की गुंजाइश दिख रही है, हालांकि यह तत्काल नहीं होगी। ब्रोकरेज ने एक रिपोर्ट में कहा, 2026 की शुरुआत से तेजी से हो रही आर्थिक गिरावट के कारण 2025-26 सुस्त रहने की संभावना है और दूसरी छमाही में इसमें बदलाव की उम्मीद है। हमारा अनुमान है कि आर्थिक चुनौतियों के कारण निकट भविष्य में लार्जकैप शेयरों की वृद्धि धीमी रहेगी, लेकिन मध्यम अवधि में इसमें सुधार होगा।