facebookmetapixel
ग्लोबल फिनटेक फेस्ट 2025 : एनपीसीआई ने नई सहायक कंपनी बनाईग्लोबल फिनटेक फेस्ट 2025 : बड़े लेनदेन के लिए होगी चेहरे से पहचानटेक बेरोजगारी और अतीत से मिले सबक: क्या AI से मानवता के सिर पर लटकी है खतरे की तलवार?खपत के रुझान से मिल रहे कैसे संकेत? ग्रामीण उपभोग मजबूत, शहरी अगले कदम परEditorial: प्रतिस्पर्धा में हो सुधार, नीति आयोग ने दी चीन और आसियान पर ध्यान देने की सलाहबिहार विधान सभा चुनाव: भाजपा ने चिराग पासवान से संपर्क साधा, सीट बंटवारे पर की बातचीतग्लोबल फिनटेक फेस्ट 2025 : ‘देश भर में सीबीडीसी शुरू करने की जल्दबाजी नहीं’प्रधानमंत्री मोदी कल देंगे नवी मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का तोहफापंजाब ने ‘कोल्ड्रिफ’ की बिक्री पर लगाया प्रतिबंध, मिलावटी कफ सिरप से 16 बच्चों की मौत!ग्लोबल फिनटेक फेस्ट 2025 : हथियार के रूप में न हो तकनीक – सीतारमण

Hindenburg प्रभाव से बाहर निकला Adani Group, तेजी से विस्तार के रास्ते पर

28 मार्च को ही Adani और उनके प्रतिद्वंद्वी माने जाने वाले उद्योगपति Mukesh Ambani पहली बार गठजोड़ करने की घोषणा की।

Last Updated- March 31, 2024 | 1:44 PM IST
अदाणी समूह ने हिंडनबर्ग के दावों को ‘भ्रामक’ बताकर खारिज कियाHindenburg-Adani Case: Adani Group rejects Hindenburg's claims as 'misleading
Gautam Adani (File Photo)

ऐसा जान पड़ता है कि विभिन्न कारोबार से जुड़ा अदाणी समूह अब पूरी तरह से हिंडनबर्ग प्रभाव से बाहर आ गया है। समूह ने एक सप्ताह के भीतर 1.2 अरब डॉलर का तांबा संयंत्र खोला, ओड़िशा में बंदरगाह खरीदा और सीमेंट कंपनी में हिस्सेदारी बढ़ायी। साथ ही प्रतिद्वंद्वी माने जाने वाली मुकेश अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्रीज के साथ गठजोड़ भी किया है।

समूह ने पिछले एक सप्ताह में शेयर बाजारों को दी सूचना और प्रेस विज्ञप्तियों के माध्यम से अपने मुख्य बंदरगाह कारोबार में विस्तार और निवेश, धातु रिफाइनिंग में विविधीकरण, दो साल पुराने सीमेंट क्षेत्र में पूंजी डाले जाने और अपनी वृहत सौर परियोजना के चालू होने के मामले में लगातार हो रही प्रगति की घोषणा की है।

इसकी शुरुआत 26 मार्च को अदाणी पोर्ट्स के गोपालपुर पोर्ट में 3,350 करोड़ रुपये के उद्यम मूल्य पर 95 प्रतिशत हिस्सेदारी हासिल करने की घोषणा के साथ हुई। इससे उसके नियंत्रण में बंदरगाहों की संख्या 15 हो गई। यह देश में किसी भी निजी कंपनी के पास बंदरगाहों की सर्वाधिक संख्या है।

इसके बाद समूह की प्रमुख कंपनी अदाणी एंटरप्राइजेज लि. ने 28 मार्च को गुजरात के मुंदड़ा में एक ही स्थान पर दुनिया के सबसे बड़े तांबा विनिर्माण संयंत्र के पहले चरण की घोषणा की। यह समूह के धातु शोधन के क्षेत्र में प्रवेश को बताता है। कुल 1.2 अरब डॉलर (लगभग 10,000 करोड़ रुपये) के संयंत्र ने भारत को चीन और अन्य देशों में शामिल होने में मदद की है। ये देश तेजी से तांबे का उत्पादन बढ़ा रहे हैं। यह कोयला जैसे जीवाश्म ईंधन के कम उपयोग के लिहाज से महत्वपूर्ण धातु है।

ऊर्जा बदलाव के लिहाज से महत्वपूर्ण इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी), चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर, सौर फोटोवोल्टिक्स (पीवी), पवन और बैटरी सभी में तांबे की आवश्यकता होती है। उसी दिन, समूह के प्रवर्तक गौतम अदाणी और उनके परिवार ने देश की दूसरी सबसे बड़ी सीमेंट कंपनी अंबुजा सीमेंट्स में हिस्सेदारी बढ़ाकर 66.7 प्रतिशत करने के लिए 6,661 करोड़ रुपये का निवेश की घोषणा की।

एक दिन बाद, समूह की नवीकरणीय ऊर्जा इकाई अदाणी ग्रीन एनर्जी लि. ने गुजरात के खावड़ा में अपनी 775 मेगावाट की सौर ऊर्जा परियोजनाएं शुरू करने की घोषणा की। खावड़ा वह स्थान है, जहां वह सौर ऊर्जा से 30 गीगावाट क्षमता की बिजली परियोजनाएं स्थापित करने लिए एक विशाल सौर फार्म का निर्माण कर रही है। यह समूह की 2030 तक 45 गीगावॉट क्षमता का लक्ष्य हासिल करने की योजना का हिस्सा है।

28 मार्च को ही अदाणी और उनके प्रतिद्वंद्वी माने जाने वाले उद्योगपति मुकेश अंबानी पहली बार गठजोड़ करने की घोषणा की। इसके तहत रिलायंस इंडस्ट्रीज ने अदाणी पावर की मध्य प्रदेश बिजली परियोजना में 50 करोड़ रुपये में 26 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदी और संयंत्र की 500 मेगावाट बिजली का स्वयं उपयोग करने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किये।

विश्लेषकों का कहना है कि पिछले एक सप्ताह में की गई घोषणाएं इस बात का संकेत है कि अडाणी फिर से विस्तार की राह पर है। हिंडनबर्ग रिसर्च के समूह के खिलाफ रिपोर्ट आने के 14 महीने बाद अडाणी ने बड़े स्तर पर विस्तार की घोषणाएं की हैं।

रिपोर्ट समूह पर ‘खुलेआम शेयरों में हेराफेरी’ और बही-खाते में हेराफेरी का आरोप लगाया गया था। इससे समूह की कंपनियों के शेयरों में शेयर भारी गिरावट आई और बाजार मूल्यांकन में एक समय करीब 150 अरब डॉलर का नुकसान हो गया था। हालांकि, समूह ने हिंडनबर्ग की रिपोर्ट को सिरे से खारिज करते हुए इसे पूरी तरह से आधारहीन बताया।

कंपनी प्रबंधन ने हाल में निवेशकों को दी सूचना में कहा कि समूह ने अपने बुनियादी ढांचे के कारोबार के विस्तार के लिए अगले दशक में सात लाख करोड़ रुपये के पूंजीगत व्यय की योजना बनायी है।

First Published - March 31, 2024 | 1:44 PM IST (बिजनेस स्टैंडर्ड के स्टाफ ने इस रिपोर्ट की हेडलाइन और फोटो ही बदली है, बाकी खबर एक साझा समाचार स्रोत से बिना किसी बदलाव के प्रकाशित हुई है।)

संबंधित पोस्ट