तांबा और एल्युमीनियम बनाने वाली कंपनी हिंडाल्को इंडस्ट्रीज ( Hindalco Industries) 2,000 करोड़ रुपये खर्च कर एक फैसिलिटी बनाना चाहती है जहां वे तांबे और इलेक्ट्रॉनिक कचरे को रिसाइकल कर सकें। कंपनी के चेयरमेन कुमार मंगलम बिड़ला ने सालाना मीटिंग के दौरान कंपनी के शेयरहोल्डर्स को इस योजना के बारे में बताया।
उन्होंने कहा, “आपकी कंपनी भारत में अपनी तरह की पहली तांबा और ई-कचरा रीसाइक्लिंग फैसिलिटी स्थापित करने के लिए 2,000 करोड़ रुपये का निवेश कर रही है।” उन्होंने कहा कि इससे पुराने इलेक्ट्रॉनिक सामान को फेंकने से होने वाली समस्याओं को हल भी किया जा सकेगा।
उन्होंने आगे कहा, “अभी, क्योंकि हमारे पास भारत में पुराने इलेक्ट्रॉनिक्स से मूल्यवान धातुओं को निकालने की फैसेलिटी नहीं है, हम बहुत सारा इलेक्ट्रॉनिक कचरा दूसरे देशों में भेजते हैं। इसके लिए बेहतर तकनीक यहां लाकर हम इस समस्या को हल करने की दिशा में एक बड़ा कदम उठा रहे हैं। यह हमारी कंपनी के लक्ष्य और चीजों को रीसायकल करने की देश के सर्कुलर इकॉनमी एजेंडा से भी मेल खाता है।”
बिड़ला ने यह भी बताया कि वह कैसे भारत की अर्थव्यवस्था को अन्य देशों की तुलना में अच्छा प्रदर्शन करते हुए देखते हैं। उनका मानना है कि 2023 में भारत 6.1% की दर से विकास करेगा क्योंकि लोग यहां चीजें खरीद रहे हैं, सेवा क्षेत्र व्यस्त है और सरकार महत्वपूर्ण चीजों पर पैसा खर्च कर रही है।
उन्होंने उल्लेख किया कि निकट भविष्य में, अन्य अमीर देश उतनी चीज़ें नहीं बना पाएंगे। ऊंची कीमतों के कारण कम मांग के कारण यूरोपीय देशों का समूह यूरोजोन 2023 में धीमा हो सकता है। 2024 में यूरोपीय मार्केट रिकवर हो सकती है।
चीन की अर्थव्यवस्था के बारे में बात करते हुए, बिड़ला ने कहा कि महामारी के बाद, उनकी रिकवरी धीमी हो रही है क्योंकि उनका रियल स्टेट सेक्टर और कंज्यूमर गुड्स अच्छा प्रदर्शन नहीं कर रहे हैं। साथ ही, अन्य देश उनसे उतनी खरीदारी नहीं कर रहे हैं। बहरहाल, उनका मानना है कि 2024 में उभरते यूरोप, मध्य पूर्व और लैटिन अमेरिका जैसे देश आर्थिक रूप से बेहतर प्रदर्शन करने लगेंगे।