विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों के लिए निवेश की गुंजाइश बढ़ने से निजी क्षेत्र में देश के सबसे बड़े ऋणदाता एचडीएफसी बैंक का एमएससीआई सूचकांकों में भार फिर बढ़ सकता है। बैंक के ताजा शेयरधारिता आंकड़ों (सितंबर 2024) से पता चलता है कि एफपीआई के निवेश की गुंजाइश 24.97 फीसदी है जो एमएससीआई की तरफ से तय सीमा 20 फीसदी से अधिक है।
विश्लेषकों का अनुमान है कि नवंबर में एमएससीआई की समीक्षा में एचडीएफसी बैंक के भार में और मजबूती आएगी जिससे उसमें करीब 1.8 अरब डॉलर यानी 15,000 करोड़ रुपये का पैसिव निवेश आएगा। आईआईएफएल ऑल्टरनेटिव रिसर्च के नोट में कहा गया है कि एचडीएफसी बैंक नवंबर की समीक्षा में भार में दूसरे दौर की बढ़ोतरी देखेगा जिससे करीब 1.8 अरब डॉलर का निवेश आकर्षित हो सकता है। यह रोजाना के औसत वॉल्यूम का करीब 5.5 गुना है।
अगस्त में एमएससीआई ने दो चरणों में भार बढ़ोतरी की घोषणा की थी जो एफपीआई के लिए निवेश की गुंजाइश 20 फीसदी से ज्यादा बने रहने के कारण हुआ। अगस्त की घोषणा से शुरू में बाजार को निराशा हुई क्योंकि बाजार ने भार में एकबारगी बढ़ोतरी की उम्मीद की थी। इसके अलावा, एफपीआई निवेश की सीमा 20 फीसदी से ऊपर बनाए रखने की एचडीएफसी बैंक की क्षमता को लेकर चिंता उभरी।
एचडीएफसी बैंक का प्रदर्शन इस साल बाजार के मुकाबले कमजोर रहा है और इस साल अब तक वह निफ्टी की 15 फीसदी बढ़त के मुकाबले 2 फीसदी नीचे है क्योंकि विलय के बाद इसका प्रदर्शन निराशाजनक रहा है। हालांकि तिमाही पूर्व बैंक की अद्यतन जानकारी से पता चलता है कि जमाओं में मजबूत वृद्धि हुई है, जिसे सावधि जमाओं से सहारा मिला है और यह विश्लेषकों के अनुमान से बेहतर रहा है।
मैक्वेरी ने एक नोट में कहा है कि हमें तिमाही आधार पर शुद्ध ब्याज मार्जिन 5 आधार अंक बढ़कर 3.5 फीसदी पर पहुंचने का अनुमान है। हम आगामी तिमाहियों में मार्जिन में सुधार जारी रहने की उम्मीद कर रहे हैं क्योंकि बढ़ी हुई जमाएं एचडीएफसी की ज्यादा लागत वाली उधारी की जगह ले लेगी। मैक्वेरी ने इस शेयर पर खरीद रेटिंग दी है और कीमत लक्ष्य 1,900 रुपये बताया है। शुक्रवार को एचडीएफसी बैंक का शेयर 1.5 फीसदी टूटकर बंद हुआ।