अदाणी समूह, जेएसडब्ल्यू नियो एनर्जी, जिंदल पावर उन 21 बोलीदाताओं में शामिल हैं, जिन्होंने जीवीके एनर्जी लिमिटेड के अधिग्रहण के लिए अभिरुचि पत्र सौंपा है। इस मामले से अवगत लोगों ने यह जानकारी दी है। जीवीके एनर्जी मौजूदा समय में दिवालियापन की कार्यवाही से गुजर रही है।
समाधान आवेदकों की संभावित सूची में वेदांत समूह, टॉरंट पावर, सारडा एनर्जी ऐंड मिनरल्स लिमिटेड आदि शामिल हैं। संभावित बोलीदाताओं में सारदा एनर्जी की एसकेएस पावर जेनरेशन के अधिग्रहण की योजना को अगस्त 2024 में राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) की मंजूरी मिल गई।
सारडा एनर्जी ऐंड मिनरल्स लिमिटेड के कार्यकारी निदेशक निलय जोशी ने कहा, ‘हम इस व्यवसाय में रुचि रखते हैं क्योंकि यह स्वाभाविक रूप से हमारे मौजूदा विद्युत क्षेत्र का पूरक है। हम पहले से ही 167 मेगावॉट जलविद्युत क्षमता का संचालन कर रहे हैं और लगभग 50 मेगावॉट क्षमता का एक और संयंत्र पाइपलाइन में है।’
जीवीके एनर्जी को जीवीके समूह द्वारा प्रवर्तित किया गया था और जीवीके पावर ऐंड इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड की एक सहायक कंपनी के रूप में स्थापित किया गया, जो ऋण शोधन अक्षमता एवं दिवालिया संहिता, 2016 के तहत कॉरपोरेट दिवाला समाधान प्रक्रिया से भी गुजर रही है।कंपनी अलकनंदा हाइड्रो पावर कंपनी लिमिटेड को चौबीसों घंटे संचालन और रखरखाव सेवाएं प्रदान करती है।
एनसीएलटी ने अपने आदेश में कहा था कि कॉरपोरेट गारंटर के रूप में जीवीके एनर्जी की जिम्मेदारी स्पष्ट है, क्योंकि कॉरपोरेट गारंटर, मुख्य उधारकर्ता द्वारा बकाया राशि चुकाने में विफल रहने पर, सीआईआरपी के तहत मुख्य उधारकर्ता के अलग समाधान की परवाह किए बिना, देनदार की भूमिका निभाता है। ईओआई के लिए आमंत्रण 7 जुलाई, 2025 को जारी किया गया था और बाद में इसे 24 अगस्त, 2025 तक बढ़ा दिया गया था।
जीवीके पावर ऐंड इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड को भी आईसीआईसीआई बैंक की याचिका पर ऋणदाताओं को ऋण चुकाने में विफलता के कारण 12 जुलाई, 2024 को दिवालियापन के लिए स्वीकार किया गया था।