हैदराबाद की ग्रीनको एनर्जी हॉल्डिंग्स (Greenco Energy Holdings) ने जीआईसी, जो अबू धाबी इन्वेस्टमेंट अथॉरिटी (एडीआईए) और जापान के वित्तीय समूह ओरिक्स कॉरपोरेशन की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी है, के साथ संस्थापकों से 70 करोड़ डॉलर की इक्विटी फंडिंग जुटाई है।
कंपनी ने गुरुवार देर रात जारी एक आधिकारिक बयान में कहा कि उसने 70 करोड़ डॉलर की प्राथमिक इक्विटी जुटाने के लिए निश्चित समझौता किया है। कंपनी ने कहा कि इस निवेश के बाद शेयरधारिता के ढांचे में कोई बदलाव नहीं हुआ है।
कंपनी ने कहा कि 70 करोड़ डॉलर के निवेश का इस्तेमाल पंप स्टोरेज परियोजनाओं के पूंजीगत व्यय के लिए किया जाएगा, जिनकी भंडारण क्षमता प्रति घंटा 25 गीगावॉट से अधिक होगी। इससे 45 अरब यूनिट डिस्पैचेबल कार्बन मुक्त ऊर्जा (सीएफई) में सक्षम होगी।
ग्रीनको के मुख्य कार्याधिकारी और प्रबंध निदेशक अनिल कुमार चालमालासेट्टी ने कहा कि मौजूदा शेयरधारकों की यह इक्विटी प्रतिबद्धता हमारी दृष्टि में उनके भरोसे को मजबूती प्रदान करती है।
ग्रीनको बड़े स्तर पर और दीर्घकालिक समाधानों के कार्यान्वयन के जरिये भारत के ऊर्जा परिवर्तन की अगुआई कर रही है और यह लगातार हमारे सभी हितधारकों को दीर्घकालिक मूल्य प्रदान कर रही है।
सीएफई औद्योगिक डीकार्बोनाइजेशन में तेजी लाने में मदद कर रही है, भारतीय ग्रिड के हरित अनुपात में इजाफा कर रही है तथा प्रतिस्पर्धी लागत पर हरित अणुओं और रसायनों का विकास कर रही है।
ग्रीनको की स्थापना वर्ष 2006 में चालमालासेट्टी ने महेश कोल्ली के साथ मिलकर की थी, जो वर्तमान में कंपनी के अध्यक्ष और संयुक्त प्रबंध निदेशक हैं।
ग्रीनको भारत की पहली डिस्पैचेबल अक्षय ऊर्जा कंपनी होने का दावा करती है। कंपनी ने कुछ समय पहले ही पारंपरिक हरित ऊर्जा परियोजनाओं से परे अपनी पेशकश का विस्तार किया है।
इसने हाल ही में देश की पहली एकीकृत हरित ऊर्जा भंडारण परियोजना शुरू की है, जो बड़े स्तर पर ऊर्जा का उपयोग करने वालों के लिए अनोखे प्रारूप के तहत अपने क्लाउड प्लेटफॉर्म के जरिये ऊर्जा भंडारण समाधान की पेशकश करेगी।
इसके अलावा, कंपनी ने आंध्र प्रदेश में 5.2 गीगावॉट की एकीकृत अक्षय ऊर्जा भंडारण परियोजना का निर्माण भी शुरू कर दिया है। इस परियोजना में प्रति घंटा 10 गीगावॉट की भंडारण क्षमता, तीन गीगावॉट की सौर ऊर्जा और 0.5 गीगावॉट की पवन ऊर्जा शामिल हैं।