गो फर्स्ट (Go First) ने दिल्ली में राष्ट्रीय कंपनी कानून पंचाट (NCLT) से आज अपनी दिवाला याचिका पर जल्द आदेश पारित करने के लिए कहा। NCLT ने सुनवाई की अगली तारीख नहीं दी है या यह नहीं बताया है कि आदेश कब पारित किया जा सकता है। पट्टा देने वालों ने गो फर्स्ट के 36 विमानों का पंजीकरण खत्म करने का DGCA से अनुरोध किया है।
गो फर्स्ट की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता पी नागेश ने कहा कि पट्टादाताओं ने कानूनी कार्यवाही के दौरान विमान वापस लेने के लिए आवेदन किया है। नागेश ने NCLT को बताया कि पट्टेदार विमानों के नियमित रखरखाव की अनुमति नहीं दे रहे (विमानन कंपनी को) हैं। हम अदालत से आदेश पारित करने का आग्रह करते हैं।
विमानन कंपनी ने पिछले सप्ताह दिवालिया संरक्षण के लिए आवेदन किया था, जिसमें प्रैट ऐंड व्हिटनी के ‘खराब’ इंजनों को अपने 54 एयरबस ए320 नियो विमानों में से तकरीबन आधे खड़े रहने के लिए दोषी ठहराया था। अपने दिवाला आवेदन में विमानन कंपनी ने कहा है कि उसने पिछले 30 दिनों में 4,118 उड़ानें (77,500 यात्रियों को सेवा देने वाली) रद्द कर दी हैं।
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विमानन कंपनी ने शुक्रवार को कहा था कि ‘परिचालन संबंधी कारणों’ से उसका उड़ान संचालन 12 मई तक निलंबित रहेगा। इसने पहले 9 मई तक उड़ानें निलंबित की थीं और 15 मई तक बुकिंग निलंबित कर दी।
विमानन कंपनी ने पिछले सप्ताह NCLT को बताया था कि अपनी याचिका दायर किए जाने तक उसने अपने वित्तीय लेनदारों को भुगतान करने में चूक नहीं की। उन्होंने कहा कि उसके 54 विमानों में से 26 परिचालन में हैं। नागेश ने कहा, हम इन 26 विमानों का परिचालन करने में सक्षम हैंं।