facebookmetapixel
NPS में शामिल होने का नया नियम: अब कॉर्पोरेट पेंशन के विकल्प के लिए आपसी सहमति जरूरीएशिया-पैसिफिक में 19,560 नए विमानों की मांग, इसमें भारत-चीन की बड़ी भूमिका: एयरबसअमेरिकी टैरिफ के 50% होने के बाद भारतीय खिलौना निर्यातकों पर बढ़ा दबाव, नए ऑर्डरों की थमी रफ्तारसुप्रीम कोर्ट में चुनाव आयोग ने किया साफ: आधार सिर्फ पहचान के लिए है, नागरिकता साबित करने के लिए नहींBihar चुनाव के बाद लालू परिवार में भूचाल, बेटी रोहिणी ने राजनीति और परिवार दोनों को कहा ‘अलविदा’1250% का तगड़ा डिविडेंड! अंडरवियर बनाने वाली कंपनी ने निवेशकों पर लुटाया प्यार, रिकॉर्ड डेट अगले हफ्ते₹4 करोड़ कम, लेकिन RR चुना! जानिए क्यों Jadeja ने CSK को कहा अलविदा75% का तगड़ा डिविडेंड! फॉर्मा कंपनी का निवेशकों को बड़ा तोहफा, रिकॉर्ड डेट अगले हफ्ते25 की उम्र में रचा इतिहास! मैथिली ठाकुर बनीं बिहार की सबसे कम उम्र की MLA; जानें पिछले युवा विजेताओं की लिस्टDividend Stocks: अगले हफ्ते 50 से अधिक कंपनियां बाटेंगी डिविडेंड, शेयधारकों को मिलेगा अतिरिक्त मुनाफा

गो फर्स्ट आरपी ने IBC से संबंधित विवादों पर दिल्ली हाईकोर्ट के अधिकार क्षेत्र पर सवाल उठाया

आईबीसी विवादों पर फैसले की शक्ति उच्च न्यायालय के पास नहीं: गो फर्स्ट आरपी

Last Updated- November 30, 2023 | 10:57 PM IST
History became Go First! NCLT ordered liquidation of the airline इतिहास बन गई Go First! NCLT ने एयरलाइन के लिक्विडेशन का ऑर्डर दिया

विमानन कंपनी गो फर्स्ट के समाधान पेशेवर (आरपी) ने आज कहा कि ऋण शोधन अक्षमता एवं दिवालिया संहिता (आईबीसी), 2016 से संबंधित विवादों पर फैसला करने की शक्ति राष्ट्रीय कंपनी कानून पंचाट (एनसीएलटी) के पास है, न कि दिल्ली उच्च न्यायालय के पास।

आरपी की ओर से पेश वरिष्ठ वकील नीरज किशन कौल ने न्यायमूर्ति तारा वितास्ता गंजू को बताया कि अगर आईबीसी को इस देश में सफल होना है, तो आर्थिक मूल्य निकालने, मूल्य अधिकतम करने और दिवालिया के सफल समाधान के लिए कोई एकीकृत मंच होना चाहिए।

कौल ने आईबीसी में कहा कि एनसीएलटी के पास निर्णय लेने और रोक लगाने का अधिकार क्षेत्र है और यह देखने का यह किसी स्थिति पर लागू होता है या नहीं।

उन्होंने कहा कि अगर कोई पक्ष पंचाट के आदेश से असंतुष्ट है, तो वे राष्ट्रीय कंपनी कानून अपीलीय पंचाट (एनसीएलएटी) और सर्वोच्च न्यायालय में अपील दायर कर सकते हैं, लेकिन रिट क्षेत्राधिकार होने के कारण दिल्ली उच्च न्यायालय आईबीसी से इससे संबंधित विवाद का फैसला नहीं कर सकता है।

First Published - November 30, 2023 | 10:57 PM IST

संबंधित पोस्ट