facebookmetapixel
Q2 Results: Tata Motors, LG, Voltas से लेकर Elkem Labs तक; Q2 में किसका क्या रहा हाल?पानी की भारी खपत वाले डाटा सेंटर तटीय पारिस्थितिकी तंत्र पर डाल सकते हैं दबावबैंकों के लिए नई चुनौती: म्युचुअल फंड्स और डिजिटल पेमेंट्स से घटती जमा, कासा पर बढ़ता दबावEditorial: निर्यातकों को राहत, निर्यात संवर्धन मिशन से मिलेगा सहारासरकार ने 14 वस्तुओं पर गुणवत्ता नियंत्रण आदेश वापस लिए, उद्योग को मिलेगा सस्ता कच्चा माल!DHL भारत में करेगी 1 अरब यूरो का निवेश, लॉजिस्टिक्स और वेयरहाउसिंग में होगा बड़ा विस्तारमोंडलीज इंडिया ने उतारा लोटस बिस्कॉफ, 10 रुपये में प्रीमियम कुकी अब भारत मेंसुप्रीम कोर्ट का बड़ा आदेश: राष्ट्रीय उद्यानों और अभयारण्यों के 1 किलोमीटर के दायरे में खनन पर रोकदिल्ली और बेंगलूरु के बाद अब मुंबई में ड्रोन से होगी पैकेज डिलिवरी, स्काई एयर ने किया बड़ा करारदम घोंटती हवा में सांस लेती दिल्ली, प्रदूषण के आंकड़े WHO सीमा से 30 गुना ज्यादा; लोगों ने उठाए सवाल

GIC Re के OFS को पहले दिन मिलीं 2,300 करोड़ रुपये की बोलियां

सरकार को 3.4% हिस्सेदारी बेचने पर करना पड़ा संतोष

Last Updated- September 04, 2024 | 5:52 PM IST
GIC Re

जनरल इंश्योरेंस कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (GIC Re) के ऑफर फॉर सेल (OFS) को पहले ही दिन लगभग 2,300 करोड़ रुपये की बोली मिली। बुधवार को संस्थागत निवेशकों ने 5.8 करोड़ शेयरों के लिए बोली लगाई, जबकि कुल 11.9 करोड़ शेयर बिक्री के लिए उपलब्ध थे। ज्यादातर बोलियां न्यूनतम कीमत 395 रुपये के करीब आईं। गुरुवार को 1.19 करोड़ शेयर खुदरा निवेशकों के लिए नीलाम किए जाएंगे। इस बीच, GIC Re के शेयरों की कीमत 5.6% गिरकर 398 रुपये पर बंद हुई।

इस OFS के जरिए सरकार 6.78 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने की योजना बना रही थी, लेकिन उसे 3.4 प्रतिशत से कम हिस्सेदारी बेचने पर ही संतोष करना पड़ेगा। 25 प्रतिशत न्यूनतम पब्लिक शेयरहोल्डिंग की शर्त पूरी करने के लिए केंद्र सरकार को भविष्य में 7.4 प्रतिशत और हिस्सेदारी बेचनी होगी।

जून 2024 तिमाही के अंत तक, सरकार के पास GIC Re में 85.78 प्रतिशत हिस्सेदारी थी। पिछले एक साल में GIC Re के शेयरों में 75 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई है। वर्तमान में कंपनी का मूल्यांकन 69,825 करोड़ रुपये है।

GIC Re की हिस्सेदारी बेचने से प्राप्त राशि सरकार के “मिसलेनियस कैपिटल रिसीट” खाते में जाएगी। चालू वित्त वर्ष के दौरान, सरकार इस मार्ग से 50,000 करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रख रही है। GIC Re की हिस्सेदारी बिक्री से पहले सरकार को 815 करोड़ रुपये मिले थे, जो DIPAM की वेबसाइट पर बताया गया है।

पिछले वित्तीय वर्ष में, सरकार ने लिस्टेड कंपनियों में हिस्सेदारी बेचकर 16,507 करोड़ रुपये जुटाए थे। GIC Re का IPO अक्टूबर 2017 में आया था, जब सरकार ने 14.22 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचकर 11,176 करोड़ रुपये जुटाए थे। उस समय IPO में शेयरों की कीमत 456 रुपये प्रति शेयर (समायोजित आधार पर) थी।

First Published - September 4, 2024 | 5:52 PM IST

संबंधित पोस्ट