यूरोप जेनरेटिव एआई (Gen AI) निवेश दोगुना कर रहा है, भले ही वह उत्तर अमेरिका के मुकाबले ज्यादा सतर्कता बरत रहा है। इन्फोसिस की शोध इकाई इन्फोसिस नॉलेज इंस्टीट्यूट (आईकेआई) के एक नए शोध में यह अनुमान जताया गया है।
इस शोध में अनुमान जताया गया है कि यूरोपीय कंपनियां अगले साल जेनएआई निवेश 115 प्रतिशत तक बढ़ाकर 2.8 अरब डॉलर कर लेंगी।
हालांकि निवेश की रफ्तार उत्तर अमेरिका के मुकाबले धीमी है। उत्तर अमेकिा में यह खर्च तेजी से बढ़कर 6 अरब डॉलर पहुंच जाने का अनुमान है।
खर्च को लेकर ज्यादा सतर्कता मुख्य तौर पर अधिक विनियमित यूरोपीय बाजार द्वारा केंद्रित मूल्यों और नैतिकता से जुड़ी चिंताओं की वजह से है। हालांकि यूरोपीय कंपनियां अपने व्यवसाय पर जेनएआई के प्रभाव को लेकर आश्वस्त बनी हुई हैं और उन्हें भरोसा है कि वे प्रतिभाओं को प्रशिक्षित और नियुक्त करने में सक्षम रहेंगी।
आईटी दिग्गज इन्फोसिस ने पिछली कुछ तिमाहियों के दौरान एआई और जेनएआई में अपना निवेश तेजी से बढ़ाया है। कंपनी ने शुरू में कहा था कि वह जेनएआई और टोपाज से जुड़ी करीब 80 परियोजनाओं पर काम कर रही है।
इन्फोसिस के लिए, यूरोप ऐसा दूसरा सबसे बड़ा बाजार है जो स्थिर मुद्रा के संदर्भ में सालाना आधार पर 5.4 प्रतिशत बढ़ा है और दूसरी तिमाही तक कंपनी के कुल राजस्व में इसका 26.5 प्रतिशत योगदान रहा।
तुलनात्मक तौर पर, उसके सबसे बड़ा बाजार उत्तर अमेरिका स्थिर मुद्रा के संदर्भ में सालाना आधार पर महज 1 प्रतिशत की दर से बढ़ा और उसके राजस्व में इसका 61.1 प्रतिशत योगदान रहा।
इन्फोसिस में एआई एवं इंडस्ट्री वर्टिकल्स के वैश्विक प्रमुख बालकृष्ण डी आर (बाली) ने कहा, ‘जेनएआई से सभी उद्योगों में बड़ा बदलाव आ रहा है और इसमें निवेश की तेज गति बनी हुई है।
तेजी से बदल रहे नियामकीय परिदृश्य के साथ संगठनों को न सिर्फ डेटा गुणवत्ता एवं प्रबंधन में सुधार के लिए बल्कि मूल्यों और नैतिकता से जुड़े जोखमों का प्रभावी ढंग से प्रबंधन करने के लिए भी एआई तकनीक पर जोर देना चाहिए।
हमारे शोध से पता चला है कि यूरोपीय व्यवसायों को अपना व्यावसायिक मूल्य मजबूत बनाने के लिए ऐसे एआई-केंद्रित परिचालन मॉडल के विकास पर ध्यान देना चाहिए जो कौशल विकास, व्यावसायिक परिवर्तिन के लिए प्राथमिकता दे।’
जेनरेटिव एआई रडार 2023-यूरोप रिपोर्ट के आईकेआई ने 11 पश्चिमी यूरोपीय देशों की कंपनियों के 1,000 प्रतिनिधियों का सर्वे किया था। इन देशों में बेल्जियम, डेनमार्क, फिनलैंड, फ्रांस, जर्मनी, आइसलैंड, लक्जमबर्ग, नीदरलैंड, नॉर्वे, स्वीडन और ब्रिटेन शामिल थे।