देश के एडटेक क्षेत्र पर फंडिंग की कमी का असर कायम है। इस साल अब तक (जनवरी से अगस्त तक) 21.5 करोड़ डॉलर की रकम जुटाई गई है जो पिछले साल की इसी अवधि की तुलना में 30 प्रतिशत कम है। ट्रैक्सन फीड जियो रिपोर्ट : एडटेक इंडिया 2024 के अनुसार साल 2023 में जनवरी से अगस्त तक कुल 30.7 करोड़ डॉलर की रकम जुटाई गई थी।
करीब 11,000 सक्रिय कंपनियों वाला भारतीय एडटेक तंत्र अभी तक के कुल निवेश के लिहाज से वैश्विक स्तर पर सबसे ज्यादा वित्तीय सहायता जुटाने के मामले में तीसरे स्थान पर आता है। इस क्षेत्र में एकमात्र अच्छी बात यह है कि साल 2024 की पहली छमाही में जुटाई गई राशि साल 2023 की तुलना में बेहतर है। भारतीय एडटेक क्षेत्र में साल 2024 की पहली छमाही के दौरान 16.4 करोड़ डॉलर की फंडिंग हासिल हुई है, जो साल 2023 की दूसरी छमाही में जुटाई गई 8.19 करोड़ डॉलर की तुलना में 96 प्रतिशत ज्यादा है।
इस क्षेत्र को व्यापक आर्थिक हालात तथा स्कूलों के दोबारा खुलने की वजह से पारंपरिक शिक्षा की ओर लौटने के कारण मशक्कत करनी पड़ रही है। हालांकि अब भी अभिनव ऑनलाइन पाठ्यक्रमों और पेशेवर कौशल विकास कार्यक्रमों की जोरदार मांग है, खास तौर उन क्षेत्रों में जहां ऑफलाइन शिक्षा कमजोर पड़ती है। इससे निरंतर बढ़ोतरी की कुछ उम्मीद जगती है।
रिपोर्ट के अनुसार भारतीय एडटेक क्षेत्र में साल 2021 की तीसरी तिमाही के दौरान 2.48 अरब डॉलर की कुल फंडिंग आई जो इसके लिए सबसे अधिक रकम जुटाने वाली तिमाही थी। ट्रैक्सन की सह-संस्थापक नेहा सिंह ने कहा, ‘फंडिंग का स्तर अब भी साल 2021 के शीर्ष स्तर से नीचे है। साल 2024 में अब तक इस क्षेत्र में हुई वृद्धि निवेशकों की नई दिलचस्पी दर्शाती है, खास तौर पर इसलिए कि कंपनियां डिजिटल नवाचारों को शामिल करते हुए पारंपरिक शिक्षण तरीकों की ओर लौट रही हैं।’
भारतीय एडटेक क्षेत्र में 10 करोड़ डॉलर से ज्यादा की फंडिंग वाले 24 दौर देखे गए हैं, लेकिन साल 2022 की शुरुआत से इनमें से केवल चार ही हुए हैं। साल 2024 में अब तक 10 करोड़ डॉलर का केवल एक ही दौर हुआ है।
वैश्विक महामारी के बाद शिक्षण के पारंपरिक तरीकों की ओर लौटने के बावजूद ऑनलाइन ऋण देने वाले प्लेटफॉर्म अवांसे जैसी कंपनियों ने 12 करोड़ डॉलर की रकम जुटाई और लॉसीखो साल 2024 में सफलतापूर्वक शेयर बाजार में सूचीबद्ध हुई। रिपोर्ट में कहा गया है कि ये घटनाक्रम व्यापक एडटेक क्षेत्र के भीतर विशिष्ट क्षेत्रों में विकास की संभावना को उजागर करते हैं।