राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीली अधिकरण (NCLAT) के चेन्नई पीठ ने 3 जून को शिक्षा प्रौद्योगिकी की दिग्गज कंपनी बैजूस (Byju’s) के खिलाफ कुछ विदेशी निवेशकों की याचिका खारिज कर दी। इन निवेशकों ने एनसीएलटी के बेंगलूरु पीठ में चल रही कार्यवाही के खिलाफ आदेश की मांग की थी।
सूत्रों ने मुताबिक एनसीएलएटी के न्यायाधीशों ने निवेशकों के वकील से कहा कि अपीली अदालत के तौर पर वे एनसीएलटी में चल रहे मामलों में हस्तक्षेप नहीं कर सकते।
पीठ ने कहा, ‘हम ऐसे मामले में कोई भी आदेश जारी नहीं कर सकते हैं जिस पर अभी एनसीएलटी को फैसला लेना है। हम एनसीएलटी के कार्य की जगह नहीं ले सकते हैं।’
सूत्रों ने बताया कि इस स्पष्टीकरण के बाद भी निवेशकों के वकीलों ने एनसीएलएटी पर दबाव डाला कि वह एनसीएलटी को सुनवाई में तेजी लाने का निर्देश दें। इस पर पीठ ने सख्ती के साथ कहा, ‘आप अपीली क्षेत्राधिकार का दुरुपयोग नहीं कर सकते हैं। आप एनसीएलटी द्वारा जारी किसी भी आदेश पर हमारे पास नहीं आ सकते। हम तब ही शामिल होंगे जब किसी महत्त्वपूर्ण अधिकार का उल्लंघन किया गया हो।’
एक बार तो पीठ ने निवेशकों के वकील को कड़ी फटकार लगाते हुए कहा, ‘अगर आप अदालत की सुनवाई के लिए तैयार नहीं हैं तो हमें कुछ आदेश पारित करने होंगे।’
बैजूस (Byju’s) के वकील ने बताया कि निवेशकों ने बैजूस द्वारा अंतरिम आदेश के कथित उल्लंघन को लेकर औपचारिक तौर पर कोई आवेदन और हलफनामा तक भी दायर नहीं किया है। उन्होंने कहा कि निवेशकों ने उचित प्रक्रिया की पूरी तरह उपेक्षा की।
वकील के मुताबिक, ‘उन्होंने एनसीएलटी में अवमानना के लिए याचिका भी दायर नहीं की है फिर भी उनका तर्क है कि एनसीएलएटी को इस मसले पर स्वतः संज्ञान लेना चाहिए। अदालत ने भी यह माना कि निवेशकों की याचिका अधूरी थी और इसमें जरूरी रिकॉर्डों का अभाव था।’
पीठ ने चेतावनी देते हुए कहा, ‘अगर आप पूरे रिकॉर्ड के साथ नहीं आएंगे तो हम आपके सबसे बड़े दुश्मन हो सकते हैं।’ अंत में अदालत ने कहा कि निवेशकों की अपील सुनवाई के योग्य नहीं थी।