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Food Industry: बड़ी खाद्य कंपनियों का फिर बढ़ा रसूख

अक्सर छोटी कंपनियां बाजार में तब उतरती हैं जब जिंसों की कीमतों में गिरावट का दौर शुरू होता है और वे कम कीमतों पर सामान की पेशकश कर प्रतिस्पर्द्धा बढ़ा देती हैं।

Last Updated- June 13, 2024 | 10:17 PM IST
food firms

बड़ी खाद्य कंपनियों का दबदबा बाजार में एक बार फिर बढ़ने लगा है। छोटी कंपनियों को टक्कर देने के लिए वे अपने उत्पाद किफायती दाम पर बेच रही हैं। अक्सर छोटी कंपनियां बाजार में तब उतरती हैं जब जिंसों की कीमतों में गिरावट का दौर शुरू होता है और वे कम कीमतों पर सामान की पेशकश कर प्रतिस्पर्द्धा बढ़ा देती हैं।

नील्सनआईक्यू के आंकड़ों के अनुसार जनवरी-मार्च तिमाही में छोटी कंपनियों की बिक्री कमजोर (-4 प्रतिशत) रही थी मगर इसकी तुलना में बड़ी कंपनियों की बिक्री 8 प्रतिशत दर से बढ़ी थी। एनआईक्यू में हेड ऑफ कस्टमर सक्सेस-भारत, रूजवेल्ट डिसूजा ने बिज़नेस स्टैंडर्ड को बताया, ‘खाद्य क्षेत्र में मूल्य स्थिरता बनाए रखने में छोटी कंपनियों को कठिनाई महसूस हो रही है। इससे उनकी बिक्री की रफ्तार धीमी रहती है।’

डिसूजा ने कहा कि गैर-खाद्य श्रेणियों में बड़ी कंपनियों का प्रदर्शन मजूबत जरूर रहा है, इसके बावजूद इस खंड में छोटी कंपनियों ने बिक्री के मामले में उन्हें पीछे छोड़ दिया है। डिसूजा के अनुसार यह अंतर मोटे तौर पर कीमतों के कारण दिखता है।

उन्होंने कहा कि गैर-खाद्य श्रेणियों में छोटे विनिर्माताओं की बिक्री अधिक रही है। डिसूजा के अनुसार उपभोक्ताओं के व्यवहार में बदलाव इसका एक कारण हो सकता है। उन्होंने कहा कि उपभोक्ताओं के लिए होमकेयर कैटेगरी (घरेलू देखभाल खंड) जैसे लॉन्ड्री और क्लीनर आदि में विकल्प अब बढ़ गए हैं जिससे छोटी कंपनियों को कारोबारी संभावनाएं बढ़ाने में मदद मिली है।

अदाणी विल्मर ने कहा कि खाद्य तेल की कीमतें ऊंचे स्तरों से फिसलने के बाद वह छोटी कंपनियों से बाजार हिस्सेदारी दोबारा झटकने में कामयाब रही है। अदाणी विल्मर में प्रबंध निदेशक आंग्शु मलिक ने कहा, ‘जिंसों की कीमतें ऊंचे स्तरों से नीचे आ चुकी हैं। उपभोक्ता कीमतों को लेकर अब सहज हो गए हैं और अच्छे ब्रांड की बिक्री फिर बढ़ने लगी है। स्थानीय ब्रांडों का प्रदर्शन भी ठीक नहीं रहा है।’

First Published - June 13, 2024 | 10:17 PM IST

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