रोजमर्रा के उपभोग की वस्तुओं (FMCG) की खपत में चालू वित्त वर्ष की दिसंबर में समाप्त तीसरी तिमाही में भी गिरावट आई है। एक रिपोर्ट में कहा गया है कि उपभोक्ता अब भी मुद्रास्फीतिक दबाव से जूझ रहे हैं, जिसका असर एफएमसीजी क्षेत्र की खपत पर दिखाई दे रहा है।
आंकड़ा विश्लेषक फर्म नीन्सनआईक्यू द्वारा गुरुवार को जारी रिपोर्ट के अनुसार, अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में एफएमसीजी उद्योग ने कीमत के हिसाब से 7.6 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की, लेकिन आकार के लिहाज से इसमें 0.3 प्रतिशत की गिरावट आई।
रिपोर्ट के अनुसार, ‘‘एफएमसीजी क्षेत्र में मात्रा हिसाब से बिक्री नकारात्मक रही है। हालांकि, क्षेत्र मात्रा और मूल्य के हिसा से कोविड-पूर्व के स्तर से ऊपर बना हुआ है।’’ रिपोर्ट के अनुसार, ग्रामीण बाजार में 2.8 प्रतिशत की गिरावट आई। ग्रामीण बाजार में यह गिरावट की लगातार छठी तिमाही है। हालांकि, शहरी बाजार में एफएमसीजी क्षेत्र की वृद्धि सकारात्मक यानी 1.6 प्रतिशत रही।
खुदरा क्षेत्र (retail sector) में आधुनिक व्यापार माध्यमों में दो अंकीय यानी 23.3 प्रतिशत की वृद्धि हुई। मात्रा के हिसाब से यह वृद्धि 12.6 प्रतिशत रही।
रिपोर्ट के अनुसार, परंपरागत किराना दुकानों से एफएमसीजी बिक्री 1.5 प्रतिशत घट गई। यह लगातार पांचवीं तिमाही है जबकि किराना दुकानों की बिक्री घटी है।