उत्तर प्रदेश में योगी सरकार ने आज गन्ना राज्य परामर्श मूल्य (एसएपी) में सबसे तेज बढ़ोतरी में से एक करने की घोषणा की है। राज्य सरकार ने बुधवार को 2025-26 सीजन के लिए गन्ने के एसएपी में 30 रुपये प्रति क्विंटल की वृद्धि की घोषणा की जिससे जल्द तैयार होने वाली गन्ने की किस्मों का एसएपी 400 रुपये प्रति क्विंटल हो जाएगा। सामान्य किस्मों के लिए एसएपी 360 रुपये से बढ़कर 390 रुपये प्रति क्विंटल किया गाया है।
गन्ने के एसएपी में यह बढ़ोतरी हालांकि किसानों के लिए फायदेमंद है, लेकिन इससे चीनी मिलों का मार्जिन कम हो सकता है क्योंकि इससे उनकी उत्पादन लागत 41 रुपये से बढ़कर 42 से 43 रुपये प्रति किलो हो जाने की उम्मीद है। निजी चीनी मिलों के मुख्य प्रतिनिधि संगठन भारतीय चीनी एवं जैव ऊर्जा विनिर्माता संघ (इस्मा) ने एसएपी वृद्धि की घोषणा का स्वागत करते हुए केंद्र सरकार से उनके सभी अटके मसलों को सुलझाने का आग्रह किया है। इन मसलों में न्यूनतम बिक्री मूल्य (एमएसपी) को 32 रुपये से बढ़ाकर 40 रुपये प्रति किलो करना और तेल विपणन कंपनियों (ओएमसी) द्वारा एथनॉल आवंटन में विसंगति ठीक करना शामिल है।
इस्मा के महानिदेशक दीपक बल्लानी ने कहा कि इन मसलों को नहीं सुलझाया गया तो चीनी उद्योग के लिए गन्ने का बकाया चुकाना और किसानों को समय पर भुगतान करना बहुत मुश्किल हो जाएगा क्योंकि बंपर उत्पादन के कारण पिछले कुछ हफ्तों में चीनी की कीमतें गिरने लगी हैं।
डीसीएम श्रीराम इंडस्ट्रीज लिमिटेड के प्रबंध निदेशक माधव श्रीराम के साथ बल्लानी ने आज एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि तेल विपणन कंपनियों ने हाल में 2025-26 आपूर्ति वर्ष में कुल एथनॉल आपूर्ति का लगभग 18 प्रतिशत ही चीनी क्षेत्र को आवंटित किया है, जबकि शेष अनाज को दे दिया गया। इतनी कम आपूर्ति का मतलब यह होगा कि 2025-26 में एथनॉल के लिए 50 लाख टन चीनी के अनुमानित डायवर्जन के मुकाबले केवल 34 लाख टन चीनी ही जी जा सकेगी। इस तरह उद्योग के पास भारी मात्रा में चीनी रह जाएगी। साथ ही गन्ने का बकाया भी बढ़ेगा।
पिछली बार गन्ने का एसएपी 2025-26 सीजन से अधिक 2021-22 में बढ़ाया गया था। तब यह सामान्य किस्मों के लिए 315 रुपये से बढ़कर 340 रुपये हो गया था जबकि जल्दी पकने वाली किस्मों के लिए 350 रुपये प्रति क्विंटल था। सरकार ने दावा किया कि एसएपी में 8 प्रतिशत से अधिक वृद्धि से चालू पेराई सत्र 2025-26 में गन्ना किसानों को 3,000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त आय होगी। लेकिन विपक्षी दल समाजवादी पार्टी ने एसएपी वृद्धि को अपर्याप्त बताते हुए कहा कि गन्ने की उत्पादन लागत घोषित वृद्धि की तुलना में कहीं अधिक तेजी से बढ़ी है।