मैगी नूडल्स और किटकैट चॉकलेट बनाने वाली कंपनी नेस्ले इंडिया में एक दशक बाद शीर्ष प्रबंधन में बदलाव हुआ है। चेयरमैन और प्रबंध निदेशक मनीष तिवारी ने अक्षरा श्रीवास्तव से बातचीत में दैनिक उपभोक्ता वस्तु कंपनी (FMCG) के प्रति अपने नजरिये, बदलाव लाने के बारे में और कंपनी की नई वृद्धि योजनाओं के बारे में बताया। प्रमुख अंश …
आपने लगभग एक दशक तक एमेजॉन में काम करने के बाद एफएमसीजी की दुनिया में वापसी की है। यूनिलीवर में आपके समय से अब तक महौल में क्या बदलाव आया है?
मैंने लगभग पूरा पिछला दशक डायरेक्ट-टु-कंज्यूमर (डी2सी) ब्रांडों को देखते हुए बिताया है। 15 साल पहले पांच साल में ही कोई राष्ट्रीय ब्रांड बनाना असंभव होता। वितरण बहुत बड़ा काम था और ब्रांड जागरुकता बहुत बड़ी और महंगी थी। ब्रांड इलाके, शहर या राज्य में तो मशहूर हो सकते थे, लेकिन राष्ट्रीय स्तर पर उतने नहीं। हालांकि अब ऐसा नहीं है। भारत बहुत जीवंत बाजार है। इसलिए हमें किसी स्टार्ट-अप की तरह सोचना होगा। आज खपत भी बदल गई है। जरूरी नहीं है कि परिवार एक ही ब्रांड पर टिके रहें। इसके बजाय प्रत्येक सदस्य एक ही चीज के लिए एक अलग उत्पाद का उपयोग करता है, चाहे वह शैम्पू हो या नूडल्स। उपभोक्ता अब अधिक जागरूक हैं और उनके पास अधिक पैसा है।
आप इस माहौल में आगे बढ़ने के लिए कैसे काम कर रहे हैं? क्या इसका मतलब ई-कॉमर्स और क्विक कॉमर्स पर अधिक ध्यान देना है?
एमेजॉन में मैंने जो बड़ी बात सीखी, वह यह है कि तकनीक हमें कितनी तेज और अधिक दक्ष बनने में मदद कर सकती है। हम ब्रांडों के मालिक हैं और बाजार तक जाने वाला जो भी मार्ग सामने हो, उसके जरिये अपने उपभोक्ताओं को आपूर्ति करनी चाहिए। क्विक कॉमर्स कंपनियों ने उपभोक्ता अंतर को पूरा करने के लिए काफी नवाचार किया है और इसकी हमारे प्रीमियमाइजेशन एजेंडा में बहुत महत्त्वपूर्ण भूमिका है। बाहर से सीखना और उसे भीतर लागू करना बहुत महत्त्वपूर्ण है।
आपने तकनीक का अधिक प्रभावी ढंग से इस्तेमाल करने का उल्लेख किया। इससे नेस्ले इंडिया को किस तरह मदद मिलेगी?
मैंने तकनीक के मोर्चे पर बहुत सारे बदलाव किए हैं और कंपनी में काम करने वाले 8,629 लोग भी तकनीक अपनाने के लिए मुक्त हैं। इसी से हमें ब्रांडों पर अधिक निवेश करने, ग्रामीण क्षेत्रों में पहुंच बढ़ाने और हमारे प्रीमियम उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए ऊर्जा मिलेगी। साल के अंत तक हम आपूर्ति योजना से लेकर वितरण तक सबको पूरी तरह डिजिटाइज कर देंगे। जो कुछ भी बेचा जाता है, उसे फैक्ट्री प्लानिंग, प्रोडक्शन प्लानिंग और रॉ मटेरियल सोर्सिंग के लिए एक फोरकास्टिंग मॉडल में बनाने के लिए मशीनें संभाल लेंगी।