facebookmetapixel
प्रीमियम स्कूटर बाजार में TVS का बड़ा दांव, Ntorq 150 के लिए ₹100 करोड़ का निवेशGDP से पिछड़ रहा कॉरपोरेट जगत, लगातार 9 तिमाहियों से रेवेन्यू ग्रोथ कमजोरहितधारकों की सहायता के लिए UPI लेनदेन पर संतुलित हो एमडीआरः एमेजॉनAGR बकाया विवाद: वोडाफोन-आइडिया ने नई डिमांड के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख कियाअमेरिका का आउटसोर्सिंग पर 25% टैक्स का प्रस्ताव, भारतीय IT कंपनियां और GCC इंडस्ट्री पर बड़ा खतरासिटी बैंक के साउथ एशिया हेड अमोल गुप्ते का दावा, 10 से 12 अरब डॉलर के आएंगे आईपीओNepal GenZ protests: नेपाल में राजनीतिक संकट गहराया, बड़े प्रदर्शन के बीच पीएम ओली ने दिया इस्तीफाGST Reforms: बिना बिके सामान का बदलेगा MRP, सरकार ने 31 दिसंबर 2025 तक की दी मोहलतग्रामीण क्षेत्रों में खरा सोना साबित हो रहा फसलों का अवशेष, बायोमास को-फायरिंग के लिए पॉलिसी जरूरीबाजार के संकेतक: बॉन्ड यील्ड में तेजी, RBI और सरकार के पास उपाय सीमित

Dr. Reddy’s Laboratories की लगभग 400 लोगों को नौकरी से निकालने की योजना, ₹1,300 करोड़ की बचत का प्लान

इस घटनाक्रम के जानकार कई सूत्रों ने बिज़नेस स्टैंडर्ड को बताया कि डॉ. रेड्डीज कर्मचारियों की छंटनी शुरू कर चुकी है।

Last Updated- April 13, 2025 | 10:28 PM IST
Dr. Reddy's Laboratories
प्रतीकात्मक तस्वीर

दिग्गज दवा कंपनी डॉ. रेड्डीज लैबोरेटरीज (डीआरएल) व्यापक स्तर पर कर्मचारियों की छंटनी की तैयारी कर रही है। इस पहल के जरिये कंपनी अपनी कर्मचारी लागत को 25 फीसदी तक घटाना चाह रही है। घटनाक्रम से जुड़े सूत्रों ने इसकी जानकारी दी। 

इस घटनाक्रम के जानकार कई सूत्रों ने बिज़नेस स्टैंडर्ड को बताया कि डॉ. रेड्डीज कर्मचारियों की छंटनी शुरू कर चुकी है। मामले के जानकार एक शख्स ने नाम उजागर नहीं करने की शर्त पर कहा, ‘आंतरिक स्तर पर कर्मचारियों की लागत 25 फीसदी घटाने का निर्देश दिया गया है। वि​भिन्न विभागों में कार्यरत ज्यादा वेतन वाले कर्मचारियों को इस्तीफा देने के लिए कहा गया है। इनमें सालाना 1 करोड़ रुपये से ज्यादा वेतन वाले कर्मचारी भी शामिल हैं।’ उक्त शख्स ने कहा कि शोध एवं विकास विभाग में कार्यरत 50 से 55 साल के कर्मचारियों के लिए स्वै​च्छिक सेवानिवृ​​त्ति की योजना लाई गई है।

इस बारे में जानकारी के लिए डॉ. रेड्डीज लैबोरेटरीज को ईमेल किया गया मगर खबर लिखे जाने तक जवाब नहीं मिला था। 2023-24 की वा​र्षिक रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया भर में डॉ. रेड्डीज के 26,343 कर्मचारी थे। वित्त वर्ष 2024 में उसने 6,281 कर्मचारियों की नियु​क्ति की थी। 31 मार्च, 2024 को कंपनी के स्थायी कर्मचारियों की संख्या 21,757 थी। 2023-24 में डॉ. रेड्डीज ने कर्मचारियों के वेतन व अन्य लाभ पर 5,030 करोड़ रुपये और प्रशिक्षण एवं विकास पर 39.2 करोड़ रुपये खर्च किए थे। इस दौरान कंपनी ने 92 फीसदी कर्मचारियों की कुशलता बढ़ाने का काम किया था।  कर्मचारियों के वेतन-भत्ते के इसी स्तर के आधार पर अगर उन पर होने वाले खर्च में 25 फीसदी की कटौती की जाती है तो डॉ. रेड्डीज करीब 1,200 से 1,300 करोड़ रुपये बचा सकती है।

डॉ. रेड्डीज पर नजर रखने वाले विश्लेषकों ने बताया कि कंपनी पिछले कई वर्षों से परिचालन क्षमता में सुधार के लिए रणनीतिक कदम उठा रही है। एक विश्लेषक ने कहा, ‘इसने न्यूट्रास्यूटिकल्स (नेस्ले के साथ संयुक्त उद्यम) और डिजिटल थेराप्यूटिक्स आदि में भी कदम रखा है, जिसमें उन्होंने माइग्रेन और आंत संबंधी विकार के लिए उत्पाद पेश किए हैं।  यदि ये विभाग उम्मीद के अनुरूप प्रदर्शन नहीं कर रहे हैं तो श्रमबल में कुछ कटौती हो सकती है।’ इन खंडों में बड़े पैमाने पर भर्ती और निवेश किया गया था। 

सूत्रों ने कहा कि डिजिटल थेराप्यूटिक्स इकाई को पूरी तरह से बंद किया जा सकता है और न्यूट्रास्यूटिकल विभाग का आकार भी घटाया जा सकता है। एक करीबी सूत्र ने बताया, ‘कुल मिलाकर करीब 300 से 400 लोगों को बाहर निकाला जा सकता है।’निर्मल बांग के विश्लेषकों ने फरवरी के विश्लेषण में कहा था कि डॉ. रेड्डीज भविष्य में विकास को गति देने के लिए चार प्रमुख क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित कर रही है- अपने मूल कारोबार का विस्तार, विशेष उत्पाद पेश करना, विलय एवं अ​धिग्रहण तथा साझेदारी के माध्यम से नए अवसर तलाशना और लागत कम करना। 

विश्लेषकों ने कहा, ‘कंपनी का लक्ष्य दो अंक में वृद्धि बनाए रखते हुए 25 फीसदी एबिटा को बरकरार रखना है।’  

First Published - April 13, 2025 | 10:28 PM IST

संबंधित पोस्ट