केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भले ही दूरसंचार परिचालकों द्वारा स्पेक्ट्रम भुगतान में देरी के लिए बैंक गारंटी की जरूरत माफ करने पर सैद्धांतिक रूप से सहमति जताई हो, लेकिन इसके लिए कुछ कड़ी शर्तें भी लागू होंगी। सरकारी सूत्रों ने आज यह जानकारी दी। इस छूट के साथ यह शर्त भी रहेगी कि दूरसंचार कंपनियां अपने वार्षिक भुगतान के साथ-साथ तीन महीने की अतिरिक्त किस्त भी अदा करेंगी।
सूत्रों ने इस बात की पुष्टि की है कि इस नवीनतम कदम के तहत सरकार 30,000 करोड़ रुपये की कुल बैंक गारंटी के दावे का अधिकार छोड़ देगी। सोमवार को केंद्रीय मंत्रीमंडल ने साल 2012 से 2022 के बीच आयोजित की गई छह स्पेक्ट्रम नीलामी में दूरसंचार कंपनियों द्वारा अधिग्रहण किए गए स्पेक्ट्रम के लिए बैंक गारंटी जमा करने की जरूरत से छूट देने का फैसला किया है। साल 2022 और 2024 के स्पेक्ट्रम नीलामी के नियमों में पहले ही इस जरूरत को हटा दिया गया था।
एयरटेल और जियो को 2,300 करोड़ रुपये और 4,000 करोड़ रुपये की गारंटी जमा करनी थी। वोडाफोन आइडिया (वी) के मामले में स्पेक्ट्रम नीलामी बकाये पर ऋण स्थगन अक्टूबर 2025 में समाप्त होने वाला है। मौजूदा नियमों के अनुसार कंपनी को अगली भुगतान तिथि से 13 महीने पहले बैंक गारंटी जमा करनी थी।