नागरिक विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने एयर इंडिया और स्पाइसजेट को अप्रशिक्षित पायलटों से कोहरे में उड़ानें उतारने पर कारण बताओ नोटिस जारी किया है। कंपनियों से कहा गया है कि आम तौर पर दिसंबर जैसे सर्द मौसम के दौरान घने कोहरे में विमान उतारने के लिए प्रशिक्षित पायलट ही दिल्ली हवाई अड्डे पर तैनात किए जाएं।
घने कोहरे से दृश्यता कम होने के कारण 24 दिसंबर से 28 दिसंबर के बीच दिल्ली हवाई अड्डे का परिचालन बुरी तरह प्रभावित हुआ था। इस दौरान सैकड़ों उड़ानों में देरी हुई, जिनमें से 58 उड़ानों को नजदीकी हवाईअड्डों की ओर मोड़ना पड़ा।
हवाई अड्डे के एक सूत्र ने कहा, ‘इन उड़ानों में से करीब 50 उड़ानों को दूसरी ओर मोड़ा गया था क्योंकि पायलटों को घने कोहरे की स्थिति में उड़ान भरने/उतारने के लिए प्रशिक्षित नहीं किया गया था।’
नियामक के अधिकारियों के अनुसार इस व्यवधान के तुरंत बाद डीजीसीए ने जांच शुरू की और एयरलाइंस के साथ-साथ दिल्ली हवाई अड्डे को सभी जरूरी जानकारी देने के लिए कहा गया।
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डीजीसीए की जांच से पता चला कि एयर इंडिया और स्पाइसजेट दोनों ही विमानन कंपनियां इस कोहरे के मौसम के दौरान दिल्ली हवाई अड्डे पर उतरने के लिए कैट-3बी इंस्ट्रूमेंट लैंडिंग सिस्टम में प्रशिक्षित पायलटों की पर्याप्त संख्या निर्धारित करने में विफल रहीं।
परिणामस्वरूप उनकी कई उड़ानों को दूसरे हवाईअड्डों की ओर मोड़ना पड़ा। कैट-3बी प्रणाली दिल्ली हवाई अड्डे पर है। जब हवाईपट्टी पर दृश्यता सीमा 50 मीटर और उससे अधिक होती है, तब पायलटों द्वारा विमानों को उतारने के लिए इस प्रणाली का इस्तेमाल किया जाता है।
विमानन उद्योग के सूत्रों का कहना है कि ऐसा शायद पहली बार है कि विमानन कंपनियों को इस मामले में कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।