संकटग्रस्त निजी क्षेत्र के ऋणदाता लक्ष्मी विलास बैंक (एलवीबी) का शुद्ध घाटा सितंबर तिमाही में बढ़कर 397 करोड़ रुपये हो गया। डूबते ऋण और प्रावधान की रकम बढऩे से बैंक को झटका लगा। एक साल पहले की समान अवधि में बैंक ने 357.18 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा दर्ज किया था। जबकि वित्त वर्ष 2021 की पहली तिमाही में उसका घाटा 112.28 करोड़ रुपये रहा था। तिमाही के दौरान बैंक की शुद्ध ब्याज आय एक साल पहले की समान अवधि के मुकाबले 27.7 फीसदी घटकर 420.13 करोड़ रुपये रही।
तिमाही के दौरान अन्य स्रोतों से होने वाली बैंक की आय बढ़कर 74.45 करोड़ रुपये हो गई जो पिछले साल की समान अवधि में 58 करोड़ रुपये रही थी। इससे बैंक को अपना परिचालन घाटा कम करने में मदद मिली। सितंबर तिमाही में लक्ष्मी विलास बैंक का परिचालन घाटा 5.66 करोड़ रुपये रहा जो एक साल पहले की समान अवधि में 40.37 करोड़ रुपये रहा था।
लक्ष्मी विलास बैंक के निदेशकों की समिति के सदस्य शक्ति सिन्हा ने कहा, ‘बैंक ने लागत को युक्तिसंगत बनाने के उपाय भी किए।’
उन्होंने कहा कि इसी क्रम में कर्मचारियों की संख्या में कटौती, एटीएम लागत को युक्तिसंगत (स्वचालित टेलर मशीन) बनाना, पांच बैंक शाखाओं को कम करना और किराये में कमी जैसे उपाय किए गए।
बैंक की परिसंपत्ति गुणवत्ता में गिरावट दर्ज की गई और तिमाही के दौरान सकल गैर-निष्पादित आस्तियां (एनपीए) बढ़कर 24.45 फीसदी हो गई जो एक साल पहले की समान अवधि में 21.25 फीसदी रही थी। हालांकि क्रमिक आधार पर यह कुछ सुधार के साथ 25.40 फीसदी हो गई। बैंक का सकल एनपीए दूसरी तिमाही में 4,063.27 करोड़ रुपये रहा जबकि पिछले साल की समान अवधि में यह आंकड़ा 4,091.05 करोड़ रुपये रहा था। शुद्ध एनपीए सुधरकर 7.01 फीसदी रहा जो एक साल पहले की समान अवधि में 10.47 फीसदी रहा था। डूबते ऋण एवं आकस्मिकताओं के लिए बैंक का प्रावधान दूसरी तिमाही में सालाना आधार पर 19 फीसदी बढ़कर 391.34 करोड़ हो गया।
रेलिगेयर फिनवेस्ट की समूह कंपनियों- आरएचसी होल्डिंग प्राइवेट लिमिटेड और रेनकेम प्राइवेट लिमिटेड- को उसकी जमा रकम के एवज में दिए गए 794 करोड़ रुपये के ऋण और अब मुकदमेबाजी के कारण बैंक ने 200 करोड़ रुपये का विशेष प्रावधान (बफर) किया जिसका उसकी पूंजी की स्थिति पर कोई खास असर नहीं हुआ। बैंक ने दूसरी तिमाही के दौरान फिटनेस ब्रांड तलवाल्कर्स समूह केलिए अपने निवेश और कोविड-19 के कारण आकस्मिक स्थिति के लिए 20.26 करोड़ रुपये का प्रावधान किया।
लक्ष्मी विलास बैंक समग्र पूंजी पर्याप्तता अनुपात दूसरी तिमाही में क्रमिक आधार पर 100 आधार अंक घटकर -2.85 फीसदी रह गई जो 8.87 फीसदी की न्यूनतम आवश्यकता से कम है। तिमाही के दौरान बैंक के टियर-1 पूंजी अनुपात घटकर -4.85 फीसदी रह गया जो पहली तिमाही में -1.83 फीसदी रहा था।
