सरकारी खनन कंपनी कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) ने चालू वित्त वर्ष के शुरुआती 9 महीने में 47.9 करोड़ टन (एमटी) कोयले का उत्पादन किया है। कंपनी के उत्पादन में पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 16 प्रतिशत वृद्धि हुई है। यह पिछले 3 वर्षों में सर्वाधिक है। अप्रैल-दिसंबर 2019 की तुलना में कंपनी का कोयला उत्पादन 23 प्रतिशत बढ़ा है। सीआईएल ने एक सार्वजनिक बयान में कहा है कि दिसंबर 2022 में 6.64 करोड़ टन उत्पादन हुआ है, जो इस वित्त वर्ष का अब तक का सर्वाधिक उत्पादन है। यह पिछले साल के समान महीने की तुलना में 62 लाख टन ज्यादा है और इसमें 10.3 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है।
कंपनी के एक अधिकारी ने कहा, ‘सालाना 70 करोड़ टन उत्पादन के लक्ष्य में वित्त वर्ष 23 की अंतिम तिमाही में 22.1 करोड़ टन उत्पादन होना है, जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में 20.9 करोड़ टन उत्पादन हुआ था। हमारे उत्पादन की रफ्तार पहले ही तेज है और इसके और बढ़ने की संभावना है। यह भी हमारे पक्ष में है कि अतिरिक्त बोझ हटाया गया है। हम अपने उत्पादन लक्ष्य को लेकर सकारात्मक हैं।’चालू साल में कोयला के उत्पादन में मजबूत सुधार हुआ है। हालांकि कुछ बिजली उत्पादकों ने ज्यादा मांग वाले गर्मियों के महीने में कोयले की कमी की शिकायत की थी।
सीआईएल ने कहा था कि पर्याप्त आपूर्ति हो रही है, क्योंकि उसने उत्पादन बढ़ाने के साथ बिजली क्षेत्र को तेजी से कोयला भेजा गया है। कंपनी ने कहा, ‘अप्रैल-दिसंबर 22 के दौरान बिजली क्षेत्र को कोयले की आपूर्ति 43.27 करोड़ टन थी। इसमें पिछले साल की समान अवधि में हुई आपूर्ति की तुलना में 11 प्रतिशत बढ़ोतरी हुई है।’अगस्त 2021 से गैर बिजली क्षेत्र को आपूर्ति नियमन के दायरे में है, जिससे कि बिजली उत्पादन के लिए ज्यादा कोयले की आपूर्ति हो सके। पिछले साल भर के दौरान बिजली क्षेत्र को 30 प्रतिशत से ज्यादा कोयले की आपूर्ति की गई है। हाल के अपने बयान में कोल इंडिया ने दावा किया था कि उसने गैर बिजली क्षेत्र को दिसंबर में 105 लाख आपूर्ति की है।